
दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में हजारों लोगों को इकट्ठा किए जाने की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई थी. इस बाबत सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई, जिसपर आज सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है.
कोर्ट ने क्या कहा?
इस मसले पर याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि मौलाना साद अभी तक सामने नहीं आया है और पुलिस ने उसके बारे में अभी तक कुछ नहीं बताया है. इस पर कोर्ट ने कहा कि आप एक शख्स की बात कर रहे हैं, लेकिन हम मूल समस्या पर बात कर रहे हैं.
केंद्र सरकार को दाखिल करना है जवाब
याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. ऐसे में अब दो हफ्ते में केंद्र सरकार को कोर्ट में जवाब दाखिल करना है.
चीफ जस्टिस ने कही ये बात
वहीं, सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस (सीजेआई) ने कहा कि 'बात मौलाना साद की नहीं है, पहले तबलीगी जमात के नाम पर लोग जमा हुए फिर अब किसान जमा हो गए. मुझे नहीं पता कि किसानों को कोविड से प्रोटेक्शन मिला है क्या? सीजेआई ने कहा कि हमें मुख्य समस्या पर बात करनी होगी. कोर्ट ने कहा कि सरकार को भीड़ इकट्ठा होने को लेकर गाइडलाइन बनानी चाहिए.' साथ ही कोर्ट ने कहा कि आपने मरकज की घटना से क्या सीखा?
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पहले दिया था ये आदेश
मालूम हो कि इससे पहले तबलीगी जमात के कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले 36 विदेशी नागरिकों को साकेत कोर्ट ने बरी कर दिया था. इन सभी 36 विदेशी नागरिकों पर महामारी एक्ट के उल्लंघन का आरोप था. इन विदेशियों पर आरोप था कि वो ये बात छुपाकर और कोरोना निर्देशों की अनदेखी करते हुए मस्जिद में इकट्ठा रह रहे थे.
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