
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार के दिन अधिकारियों को दिल्ली मेट्रो के 104 किलोमीटर वाले फेज-4 परियोजना पर काम शुरू करने का निर्देश दिया. मेट्रो फेज 4 परियोजना केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच विवाद के चलते रुकी हुई थी. यह फैसला जस्टिस अरूण मिश्रा और दीपक गुप्ता की पीठ ने सुनाया.
पिछली सुनवाई में अदालत को बताया गया था कि यह परियोजना नाजुक है और बाकी बचे सभी मुद्दों को जल्द से जल्द हल किया जाना चाहिए. सुनवाई में पीठ को पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) के बारे में बताया गया था, जिसमें यह कहा गया था कि साल 2014 में जब इसे केंद्र सरकार में पारित होने के लिए भेजा गया तब से यह परियोजना रूकी हुई है.
ईपीसीए रिपोर्ट में कहा गया कि फंडिंग को लेकर केन्द्र और दिल्ली सरकार में गतिरोध है. रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली सरकार ने 10 अप्रैल 2019 को आदेश दिया कि जब तक यह मुददे सुलझ नहीं जाते तब तक दिल्ली मेट्रो रेल प्राधिकरण (DMRC) फेज 4 पर काम शुरू नहीं करेगी.
जब यह गतिरोध सुप्रीम कोर्ट के सामने आया तो कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले में आदेश जारी करेगी क्योंकि परियोजना इंतजार नहीं कर सकती.
केंद्र ने शुक्रवार को अदालत से कहा कि परियोजना के लिए फंडिंग अगस्त 2017 के मेट्रो रेल नीति के अनुसार की गई और इसी पैटर्न पर अन्य शहरों के मेट्रो परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है. जिसमें भोपाल, इंदौर, कानपुर, पटना और आगरा शामिल हैं.
गौरतलब है कि दिल्ली में मेट्रो के चौथे फेज के तहत 6 नई लाइन बिछाई जाएंगी जिनकी लंबाई 103 किलोमीटर होगी. दिल्ली मेट्रो का फेज 4 पूरा होने के बाद दिल्ली मेट्रो लंबाई के मामले में विश्व के टॉप तीन शहरों में शामिल हो जाएगी.
मौजूदा समय में दिल्ली मेट्रो 350 किलोमीटर की दूरी तय करती है, फेज-4 के पूरा होने के बाद यह दूरी 450 किलोमीटर से अधिक हो जाएगी. इसके बाद बीजिंग (599) और शंघाई (644) ही दिल्ली मेट्रो से आगे होंगे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शायद दिल्ली मेट्रो इस दिशा में जल्द आगे बढ़े.