
दिल्ली दंगों को लेकर दिल्ली पुलिस की ओर से दायर की गई सप्लीमेंट्री चार्जशीट में पुलिस ने स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव को भी आरोपी बनाया है. दिल्ली दंगे में आरोपी बनाए जाने को लेकर आजतक से बात करते हुए योगेंद्र यादव ने कहा है कि मेरा नाम दिल्ली पुलिस की ओर से डलवाया गया है. उन्होंने कहा कि देखिए अभी बयान क्या होते हैं. ये मजिस्ट्रेट के सामने दिया गया बयान नहीं है, बल्कि पुलिस को किसी आरोपी ने क्या बताया? ये है.
योगेंद्र यादव ने कहा कि इस बयान के नीचे तो साइन करने से भी इनकार कर दिया. ऐसे बयानों की कोई अहमियत नहीं है. ऐसे ही एक बयान में मेरा नाम आया है. यह तो अभी एक चुटकुला है. उन्होंने कहा कि लोगों का मन अब सुशांत सिंह राजपूत और कंगना रनौत की कहानी से थकने लगा है. मेरी सारी स्पीच यूट्यूब और फेसबुक पर उपलब्ध है.
स्वराज अभियान के नेता ने कहा कि दिल्ली पुलिस को आमंत्रित करता हूं कि कृपया फेसबुक पेज पर जाइए और वहां देख लीजिए. मेरी आज भी सारी स्पीच पब्लिक में है. उनमें से आप एक सेंटेंस निकाल दीजिए जिसमें मैं हिंसा की बात कर रहा हूं. किसी को भड़का रहा हूं.
उन्होंने कहा कि 24 फरवरी को जब जाफराबाद में महिलाएं आकर रास्ता रोक रही थीं, दूसरे साथियों के साथ वहां गया और उनसे हटने का अनुरोध किया. योगेंद्र यादव ने कहा कि महिलाओं से हटने को कहा और यह भी कहा था कि आपका मुद्दा सही है, लेकिन यह तरीका सही नहीं है. इसके बाद माइक लेकर करीब 20 मिनट तक भाषण दिया. यह कहते हुए कि यह गलत है मैं आपका दोस्त हूं, कृपया ऐसा मत कीजिए.
उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस इस तरीके से खुफिया काम क्यों कर रही है. साधारण तरीके से कर लो. एंटी सीएए प्रोटेस्ट के दौरान हर जगह एक या दो बार गया था. उन दिनों मेरा ज्यादातर समय दिल्ली के बाहर ही गुजर रहा था. यादव ने फिर कहा कि सीएए संविधान विरोधी है. देश की आत्मा के खिलाफ है. यह जिन्ना की टू नेशन थ्योरी को लाने की कोशिश है.
उन्होंने कहा कि पुलिस ने अब तक मुझसे कोई प्रश्न नहीं पूछा है. पूरा कॉमेडी शो अभी आना बाकी है. पुलिस ने तो मुझसे बात ही नहीं की है. यह मजाक लगता है कि जिन लोगों ने सड़क पर गोली मारो का नारा लगाया और जिसके 3 दिन बाद गोली चली, एक महिला ने दंगों के बीच में वीडियो बनाकर मरो या मारो की अपील की, जिसने पुलिस को साथ में खड़ा करके लोगों को धमकाया-भड़काया. उनसे न सवाल, ना उनका नाम, ना उनकी जांच.
योगेंद्र यादव ने कहा कि जो लोग गांधी का नाम लेते हैं. जो लोग संविधान की शपथ दिलाते हैं और इस बीच में अहिंसा की बात करते हैं. उनका नाम आ रहा है. उन पर आरोप लग रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह अपूर्वानंद जो सबसे शांतिप्रिय तरीके से शांति की बात करते हैं. वह राहुल रॉय जिन्होंने आधी रात में अस्पताल खुलवाया. उन्होंने कहा कि अगर शांतिपूर्वक तरीके से कुछ करोगे, संविधान के अनुरूप कुछ करोगे तो अपराधी घोषित कर दिए जाओगे. यह इस देश के लिए अच्छा नहीं है. योगेंद्र यादव ने इसे साल 1984 के सिख दंगों के बाद दिल्ली पुलिस पर दूसरा धब्बा बताया.