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'आदमी चला रहे महिलाओं की हेल्पलाइन', दिल्ली सरकार को मिली 181 सेवा पर स्वाति मालीवाल का निशाना

आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने इस पर कहा, 'दिल्ली सरकार ने जो दिल्ली महिला आयोग की 181 हेल्पलाइन बंद करके खुद चलाने का निर्णय लिया है, इसकी सच्चाई मंत्री कैलाश गहलोत द्वारा ट्वीट की गई फोटो से खुद जाहिर होती है. इस हेल्पलाइन को अब आदमी चला रहे हैं. जो लड़कियां रेप और तस्करी जैसे जघन्य अपराध रिपोर्ट करने के लिए कॉल करेंगी, वो तो लड़कों की आवाज सुनके ही फोन रख देंगी. वैसे भी 5 लोगों से हेल्पलाइन नहीं चलती.'

AAP की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल (फाइल फोटो) AAP की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल (फाइल फोटो)
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 04 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 9:37 PM IST

दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग ने महिला हेल्पलाइन नंबर 181 का प्रबंधन अपने हाथ में ले लिया है. इसे पहले दिल्ली महिला आयोग द्वारा संभाला जाता था. 3 जुलाई 2024 को शाम 4:58 बजे से हेल्पलाइन नंबर 181 की सेवा शुरू हो गई है, जिसके बाद से 4 जुलाई की दोपहर 2 बजे तक कंट्रोल रूम में हेल्पलाइन नंबर 181 पर कुल 1,024 कॉल्स आईं.

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दिल्ली के महिला एवं बाल विकास मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, 'महिला एवं बाल विकास विभाग के अन्तर्गत महिला हेल्पलाइन 181 दिल्ली में महिलाओं के लिए एक मजबूत सहायता प्रणाली के रूप में, फिर से शुरू हो गया है. हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि महिला हेल्पलाइन 181 के जरिए संकटग्रस्त महिलाओं को समय पर और प्रभावी सहायता मिल सके.'

शुरू हुई महिला हेल्पलाइन 181

विभाग के मुताबिक, महिला हेल्पलाइन 181 का प्रबंधन पहले दिल्ली महिला आयोग द्वारा किया जाता था. लेकिन 4 मई, 2023 को केंद्र सरकार द्वारा मुख्य सचिव को लिखे पत्र में महिला हेल्पलाइन-181 का प्रबंधन दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग को सौंपने को कहा गया था. जिसके बाद महिला एवं बाल विकास विभाग ने इस हेल्पलाइन का प्रबंधन अपने हांथों में ले लिया है.

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महिला हेल्पलाइन नंबर 181 पर हर महीने लगभग 40,000 कॉल आती हैं. यह एक टोल-फ्री, 24 घंटे की दूरसंचार सेवा है जो सहायता चाहने वाली महिलाओं को सहायता और जानकारी प्रदान करती है.

'आदमी चला रहे हैं हेल्पलाइन'

आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने इस पर कहा, 'दिल्ली सरकार ने जो दिल्ली महिला आयोग की 181 हेल्पलाइन बंद करके खुद चलाने का निर्णय लिया है, इसकी सच्चाई मंत्री कैलाश गहलोत द्वारा ट्वीट की गई फोटो से खुद जाहिर होती है. इस हेल्पलाइन को अब आदमी चला रहे हैं. जो लड़कियां रेप और तस्करी जैसे जघन्य अपराध रिपोर्ट करने के लिए कॉल करेंगी, वो तो लड़कों की आवाज सुनके ही फोन रख देंगी. वैसे भी 5 लोगों से हेल्पलाइन नहीं चलती.'

'महिला आयोग में महिला काउंसलर्स सुनती थीं कॉल्स'

उन्होंने कहा, 'दिल्ली महिला आयोग की हेल्पलाइन पर रोज 2000 से 4000 कॉल आती थीं जिसको 45 महिला काउंसलर्स सुनती थीं. सबके पास सोशल वर्क या साइकोलॉजी में मास्टर्स डिग्री थी. दिन भर कम से कम 20 लड़कियां एक शिफ्ट में हेल्पलाइन चला रही थीं. ग्राउंड पर 136 महिला काउंसलर्स कॉल आने के बाद लड़कियों के पास पहुंचती थीं.'

'पोस्ट ऑफिस की तरह काम करेगी सरकार वाली हेल्पलाइन'

स्वाति मालीवाल ने कहा, 'सरकार वाली महिला हेल्पलाइन सिर्फ पहले की तरह एक पोस्ट ऑफिस का काम करेगी. केस पुलिस को आगे फॉरवर्ड करेगी. इसीलिए जब 2013 से 2016 तक दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री कार्यालय में ये हेल्पलाइन चलती थी, तब 70 प्रतिशत कॉल पर कोई काम नहीं होता था. ये फोटो दर्शाती है कि वापस वही हाल होने वाले हैं. महिलाओं का मुद्दा बहुत संवेदनशील होता है. इसको हठ से नहीं, सूझ बूझ से चलाना चाहिए. जो सिस्टम अच्छे चल रहे हैं उनको बंद करके उन पर दिन रात मेहनत करने वाली लड़कियों को बेरोजगार नहीं करना चाहिए.'

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