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दिल्ली की हवा का जहर रोकना, अब ऑड-ईवन के बस का नहीं!

राजधानी दिल्ली की हवा में सांस लेना आम दिनों में जितना भयानक है, कुछ दिनों पहले तक उससे कहीं ज्यादा चीन की राजधानी बीजिंग की हालत खराब थी. लेकिन बीजिंग ने जो कदम उठाए उनकी बदौलत आज हालात पहले से बेहतर हैं.

दिल्ली की जहरीली हवा हो रही है घातक ! दिल्ली की जहरीली हवा हो रही है घातक !
विवेक शुक्ला
  • नई दिल्ली,
  • 05 मई 2017,
  • अपडेटेड 2:16 AM IST

राजधानी दिल्ली की हवा में सांस लेना आम दिनों में जितना भयानक है, कुछ दिनों पहले तक उससे कहीं ज्यादा चीन की राजधानी बीजिंग की हालत खराब थी. लेकिन बीजिंग ने जो कदम उठाए उनकी बदौलत आज हालात पहले से बेहतर हैं. लेकिन क्या उनमें से एक भी कदम ऑड-ईवन स्टेप था? जवाब है नहीं.

दिल्ली आए बीजिंग म्युनिसिपल ब्यूरो के मेंबर झेंन ज़िंगाई
ये समझाने के लिए आपको राजधानी दिल्ली से बाहर बीजिंग की तरफ लिए चलते हैं. चीन की राजधानी के प्रदूषण और दिल्ली के प्रदूषण में सबसे बड़ी समानता ये है कि वाहनों से होने वाला प्रदूषण दोनों शहरों के प्रदूषण के पीछे एक बड़ी वजह थी. लेकिन चीन का इससे निपटने का तरीका और था, ना कि ऑड-ईवन. रिसर्च दौरे पर दिल्ली आए बीजिंग म्युनिसिपल ब्यूरो के मेंबर झेंन ज़िंगाई बताते हैं कि खराब हालत से निपटने के लिए बड़े स्तर पर पॉलिसी में बदलाव किए गए और ऐसे कदम उठाए गए जिससे पब्लिक ट्रांसपोर्ट मजबूत हुआ. ऑड-ईवन का इस्तेमाल सिर्फ आपातकालीन कदम की तरह किया गया क्योंकि इससे लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है.

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झेंन  ने अपनी प्रजेंटेशन के जरिए बताया कि कैसे प्रदूषण कम किया जा सकता है -

* कंस्ट्रक्शन साइट्स को ढंक कर और स्प्रिंकलर का इस्तेमाल करके पहले धूल उठने से रोकी गई

* उसके बाद दस लाख से ज्यादा पुरानी गाड़ियां सड़क पर उतरने से रोकी गईं

* पब्लिक ट्रांसपोर्ट दुरुस्त हो, इसके लिए नयी बसें लॉन्च की गईं

* 1200 से ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाली इंडस्ट्री को शहर से बाहर कर, उनमें इस्तेमाल होने वाली टेक्नॉलजी को भी इम्प्रूव किया गया

* कोयले का इस्तेमाल कम करने के लिए चीनी सरकार ने सब्सिडी भी दी

आपको बता दें कि, दिल्ली में करीब 90 लाख वाहन हैं, जिनमें हर तीसरा वाहन कार है. बीजिंग में 55 लाख कारें हैं, लेकिन बीजिंग का दावा है कि चीन की राजधानी में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था दिल्ली से बेहतर है. शंघाई के बाद बीजिंग में दूसरा लंबा मेट्रो नेटवर्क है. यहां 25000 हजार सार्वजनिक बसें हैं, जबकि दिल्ली में सिर्फ 4500 बसें ही हैं. अंतर साफ है कि बिना ऑड-ईवन के बीजिंग क्यों दिल्ली से ज्यादा साफ है.

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