
दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के विवाद मामले में एक नया खुलासा हुआ है. वकील और पुलिस के बीच जब शनिवार को तीस हजारी कोर्ट में भिड़ंत हुई थी, उस वक्त उन्नाव रेप केस के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर भी लॉकअप के अंदर थे. उस वक्त एडिशनल डीसीपी हरेंद्र सिंह ने न सिर्फ जवानों को बल्कि आरोपी विधायक को भी बचाया था.
आरोपों के मुताबिक, झड़प के दौरान नार्थ डिस्ट्रिक्ट के एडिशनल डीसीपी हरेन्द्र सिंह के पीएसओ अमित कुमार की सरकारी पिस्टल भी लूटी ली गई. पिटाई के दौरान अमित कुमार के कान का पर्दा भी फट गया. पीएसओ अमित कुमार ने इसकी शिकायत भी दी थी. इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच की टीम कर रही है.
इस मामले में पुलिस का कहना है पार्किंग को लेकर विवाद हुआ था. मामला सुलझाने गए पुलिस के सीनियर अफसरों के साथ मारपीट की गई थी. इसके बाद वकील लॉकअप के अंदर जाकर मारपीट करने लगे. पुलिस की बाइकों-गाड़ियों में आग लगा दी गई. हिंसा के कारण कैदियों के दम घुटने की भी शिकायत आई थी.
हिंसा के बाद पुलिस ने मानव चेन बनाकर कैदियों को सुरक्षा के साथ तिहाड़ में शिफ्ट किया. बवाल कैदियों को लाने ले जाने वाली तीसरी बटालियन से बहस के बाद शुरू हुआ. इस दौरान पुलिस ने बचाव में हवाई फायरिंग की, जिसमें वकील घायल हो गया, हालांकि इसकी जांच की जा रही है.