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दोपहर के समय लंबा जाम, ट्रैफिक पुलिस का अजीब जवाब

दोपहर के 12 बज चुके थे. वसुंधरा से नोएडा जाने वाली हिंडन कैनाल रोड पर ट्रैफिक आम दिनों की तरह सामान्य था. लेकिन सेंट थॉमस स्कूल और सेंट फ्रांसिस स्कूल वाले कट्स पर ट्रैफिक था. आगे बढ़ने पर एनएच-24 के नीच करीब दो किलोमीटर तक ट्रैफिक जाम था. ट्रैफिक पुलिस का कोई भी सिपाही नहीं दिख रहा था.

जाम में घंटों फंसी रही गाड़ियां जाम में घंटों फंसी रही गाड़ियां
अंजलि कर्मकार
  • नई दिल्ली,
  • 05 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 10:38 PM IST

गाजियाबाद में दिल्ली बॉर्डर के पास हिंडन कैनाल रोड पर सोमवार दोपहर घंटों जाम लगा रहा. जाम से लोगों को काफी परेशानी हुई. जब इस जाम के बारे में गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस को बताया गया तो उनकी ओर से अजीब जवाब आया. ट्रैफिक पुलिस का कहना था कि ट्रैफिक का अत्यधिक दबाव होने की वजह से यातायात धीमा है.

दोपहर के 12 बज चुके थे. वसुंधरा से नोएडा जाने वाली हिंडन कैनाल रोड पर ट्रैफिक आम दिनों की तरह सामान्य था. लेकिन सेंट थॉमस स्कूल और सेंट फ्रांसिस स्कूल वाले कट्स पर ट्रैफिक था. आगे बढ़ने पर एनएच-24 के नीच करीब दो किलोमीटर तक ट्रैफिक जाम था. ट्रैफिक पुलिस का कोई भी सिपाही नहीं दिख रहा था.

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मैंने मौके से कुछ तस्वीरें लीं और गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस को टैग करते हुए पूछा कि इस वक्त जबकि ट्रैफिक बिल्कुल सामान्य रहता है, ऐसी स्थ‍िति क्यों? हालांकि मेरे ट्वीट पर गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस ने त्वरित प्रतिक्रिया दी लेकिन उनका जवाब देखकर मैं हैरान रह गया. जवाब था कि यातायात का अधिक दबाव होने की वजह से यातयात धीमी गति से चल रहा है.

ट्रैफिक पुलिस का यह जवाब हैरान करने वाला था. यातायात का अधिक दबाव और वो भी दोपहर 12 बजे के बाद. आखिर ऐसी कौन सी बात थी जिससे यातायात का अधि‍क दबाव हो गया था. अगर दबाव अधि‍क था तो इसे मैनेज करना भी तो ट्रैफिक पुलिस का काम है जो कहीं नहीं दिख रही थी. एनएच-24 पर भी ट्रैफिक का यही हाल था.

ट्रैफिक पुलिस के 'धीमे ट्रैफिक' वाले जवाब से परेशान मैंने फिर दूसरी फोटो के साथ ट्वीट किया कि इसे धीमा ट्रैफिक कहते हैं, जहां आधे घंटे में आधा किलोमीटर चलना मुश्किल हो रहा है. कई लोग तो सड़क किनारे अपने वाहन खड़े कर आराम करने लगे थे. मेरे इस सवाल पर जो जवाब आया, वो और भी हैरान करने वाला था. इस बार पुलिस ने माना कि जाम जैसी स्थ‍िति उत्पन्न हो रही है. लेकिन वजह बताया गया रूट डायवर्जन.

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बड़ा सवाल यह है कि वैसे तो रूट डायवर्जन की कोई वजह तो आम जनता को पता नहीं. अगर किसी वजह से ऐसा किया गया तो इसकी जानकारी अखबारों में दे देनी चाहिए थी जिससे लोग वैकल्पिक रास्तों का प्रयोग कर सकते थे. बहरहाल, दिल्ली-एनसीआर में जाम की घटनाएं आम हैं लेकिन बिना बारिश या किसी ठोस वजह से जाम लगता है तो लोगों को परेशानी होती ही है.

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