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उन्नाव रेप पीड़िता के साथ हुई सड़क दुर्घटना के बाद अदालत ने एक बड़ा फैसला किया है. उन्नाव रेप पीड़िता रायबरेली के पास दुर्घटना के बाद एम्स में इलाज करवा रही हैं जिसके लिए अदालत ने एम्स में अस्थाई कोर्ट बनाकर आगे की कार्यवाई करने का आदेश दिया है.
उन्नाव केस में अदालत के आदेश के बाद एम्स में अस्थाई कोर्ट बनाने की प्रक्रिया शूरू हो गई है. अदालत के आदेश के बाद एम्स के जय प्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर की पहली मंजिल पर सेमिनार हॉल में अस्थाई कोर्ट बनाया जाएगा. वहीं 11 सितंबर सुबह 10 बजे से पीड़िता के बयान दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
बंद रहेंगे सीसीटीवी कैमरे
उन्नाव रेप पीड़िता के बयान दर्ज करने की प्रक्रिया 'इन कैमरा' यानी बंद कमरे में होगी. अदालत के आदेश के मुताबिक सुनवाई के दौरान किसी भी तरह की ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग की मनाही होगी इसके लिए एम्स प्रशासन को निर्देश दे दिए गए हैं. कोर्ट ने सेमिनार हॉल में लगे सीसीटीवी कैमरे को भी बंद रखने के लिए कहा है. सुनवाई के दौरान पीड़िता, आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर और शशि सिंह का आमना-सामना ना हो इसके लिए कोर्ट रूम में पर्दे लगाए जाएंगे.
बता दें कि उन्नाव मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में तमाम जांच चल रही है. उन्नाव रेप केस के आरोपी और विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर कानून का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है. दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट ने उन्नाव रेप केस की पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में कुलदीप सेंगर को आरोपी बनाया है. हालही दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पीड़िता के पिता को मारा गया. कोर्ट ने कहा कि ये पूरा षडयंत्र सिर्फ इसलिए रचा गया ताकि पीड़िता इस मामले में अपनी शिकायत दर्ज न कर पाए.