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विजेंद्र गुप्ता बोले- केजरीवाल सरकार के खिलाफ जारी रहेगा संघर्ष

बीजेपी ने गुप्ता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने अपनी साढ़े तीन साल की असफलताओं का ठीकरा केन्द्र, उपराज्यपाल और अधिकारियों के सिर फोड़ने की कोशिश की जो कि गलत था.

अनशन तोड़ते विजेंद्र गुप्ता अनशन तोड़ते विजेंद्र गुप्ता
रवीश पाल सिंह/रोहित मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 19 जून 2018,
  • अपडेटेड 11:44 PM IST

दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का धरना खत्म होने पर अपनी प्रतिक्रिया दी. खुद भी धरने पर बैठे गुप्ता ने कहा केजरीवाल सरकार के खिलाफ बीजेपी का संघर्ष अब और तेज होगा. उन्होंने कहा कि हमारा मकसद दिल्ली सरकार को जल संकट से अवगत कराना था जिसे सरकार लगातार नजरअंदाज कर रही है.

विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि सीएम केजरीवाल जब भीषण गर्मी में दिल्ली की अहम समस्या को छोड़ उपराज्यपाल सचिवालय में धरने पर बैठ गए तो बीजेपी विधायकों को भी दिल्ली सचिवालय में धरने पर बैठना पड़ा था. गुप्ता ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ना केवल असंवैधानिक मांग कर रहे थे बल्कि उनकी नीतियां भी गलत थी जिसके लिए दिल्ली सचिवालय में बीजेपी को धरना देना पड़ा.

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बीजेपी ने गुप्ता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने अपनी साढ़े तीन साल की असफलताओं का ठीकरा केन्द्र, उपराज्यपाल और अधिकारियों के सिर फोड़ने की कोशिश की जो कि गलत था. गुप्ता ने कहा कि फिलहाल वो अस्पताल में भर्ती हैं लेकिन स्वास्थ्य सामान्य हो जाने पर वो फिर से केजरीवाल सरकार के खिलाफ संघर्ष करेंगे.

आपको बता दें कि दिल्ली सचिवालय में विजेंद्र गुप्ता अन्य विधायकों के साथ अनशन पर बैठे थे लेकिन अनशन के पांचवें दिन हालत बिगड़ने पर उन्हें दिल्ली सचिवालय से निकालकर जीबी पंत अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

हर्षवर्धन ने तुड़वाया अनशन

सीएम केजरीवाल का धरना खत्म करने के बाद केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन दिल्ली सचिवालय पहुंचे और अनशन कर रहे बीजेपी विधायकों और सांसद का अनशन तुड़वाया. विजेंद्र गुप्ता के अलावा करावल नगर से विधायक कपिल मिश्रा, बीजेपी-अकाली विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा, वेस्ट दिल्ली से सांसद प्रवेश वर्मा भी अनशन पर बैठे थे. वहीं विधायक जगदीश प्रधान भी साथ में धरने पर बैठे थे.

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दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने केजरीवाल के धरने को मजाक बताया है. उन्होंने कहा कि वह एक अभिशाप की तरह हैं ना जाने कहां और कब  वो धरने पर बैठ जाएं.

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