
भाजपा नेता बृजभूषण शरण के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में शिकायतकर्ता तीन महिला पहलवानों ने आवेदन दायर किया था, जिसमें कहा गया था कि उनकी सुरक्षा वापस ले ली गई है. इसके जवाब में दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को अदालत को बताया कि कुछ गलतफहमी हुई थी, जिसे अब सुधार लिया गया है. अदालत के इस सवाल का जवाब देते हुए कि क्या सुरक्षा दी गई है, दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि ऐसा किया गया है और इसकी जानकारी दे दी गई है.
गुरुवार को अंतरिम उपाय के रूप में दिल्ली पुलिस को एक पहलवान शिकायतकर्ता की सुरक्षा के लिए तुरंत उचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया था, जिसे आज अदालत के समक्ष गवाही देनी थी. डीसीपी नई दिल्ली को सुरक्षा वापस लेने के कारणों के साथ एक डिटेल रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया गया था.
अनुरोध का जवाब देते हुए, बृजभूषण की ओर से पेश हुए अधिवक्ता राजीव मोहन ने कहा कि यह न्यायालय का विवेकाधिकार है, हालांकि उन्होंने कहा कि वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गवाहों से जिरह नहीं कर सकते. न्यायालय ने कहा कि उसे देखना होगा कि गवाह किस बात से सहज हैं, साथ ही कहा कि यदि गवाह कहता है कि वह इससे सहज है तो वह निश्चित रूप से इन-कैमरा ट्रायल का आदेश देगा.
कोर्ट ने कहा, 'हम देख सकते हैं कि यह कैसे किया जाना चाहिए. गवाह कमजोर गवाह कक्ष में हो सकता है. आरोपी एक अलग कमरे में होगा. मैं गुण-दोष के आधार पर निर्णय ले सकता हूं, लेकिन मैं केवल बीच का रास्ता सुझा रहा हूं, यदि दोनों पक्षों को यह ठीक लगे.' इसके बाद यह निर्णय लिया गया कि मुख्य गवाहों की एग्जामिनेशन वल्नरेबल विटनेस रूम में की जाएगी और आरोपी उस कमरे में शारीरिक रूप से उपस्थित नहीं होगा. पहलवानों की सुरक्षा हटाए जाने पर दिल्ली पुलिस ने कहा कि गलतफहमी में ऐसा हो गया था. इसे ठीक कर लिया गया है.