
यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ने से दिल्ली के कई इलाकों में जल संकट की आशंका पैदा हो गई है. वजीराबाद में यमुना नदी में प्रदूषक तत्वों (3.2 पीपीएम से अधिक अमोनिया) के उच्च स्तर के कारण वजीराबाद और चंद्रावल के जल उपचार संयंत्रों से जल उत्पादन 30-50% कम हो गया है.
ये इलाके प्रभावित
इससे प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में सिविल लाइंस, हिंदू राव अस्पताल और आसपास के क्षेत्र, कमला नगर, शक्ति नगर और आसपास के क्षेत्र, करोल बाग, पहाड़ गंज और एनडीएमसी क्षेत्र, पुराना और नया राजिंदर नगर, पटेल नगर (पूर्व और पश्चिम), बलजीत नगर, प्रेम नगर, इंद्रपुरी और आसपास के क्षेत्र, कालकाजी, गोविंदपुरी, तुगलकाबाद, संगम विहार, अंबेडकर नगर. इसके अलावा प्रह्लादपुर और आसपास का क्षेत्र, रामलीला मैदान, दिल्ली गेट, सुभाष पार्क, मॉडल टाउन, गुलाबी बाग, पंजाबी बाग, जहांगीरपुरी, मूलचंद, साउथ एक्सटेंशन, ग्रेटर कैलाश और आसपास के क्षेत्र, छावनी क्षेत्रों के कुछ हिस्से और दक्षिणी दिल्ली प्रभावित हैं.
अमोनिया लेवल 0.5 पीपीएम से अधिक नहीं होना चाहिए
जल बोर्ड अफसरों का कहना है कि पानी में अमोनिया लेवल 0.5 पीपीएम से अधिक नहीं होना चाहिए. अगर अमोनिया लेवल 0.9 होता है, तो भी उसे जल ट्रीटमेंट प्लांटों में ट्रीट किया जा सकता है. लेकिन, मात्रा इससे अधिक होने पर जल बोर्ड के किसी भी जल ट्रीटमेंट प्लांट में उसे ट्रीट करने की सुविधा नहीं है.
वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में ही एक वॉटर रिजर्वेयर बनाया गया है
जल बोर्ड अफसरों का कहना है कि वजीराबाद और चंद्रावाल प्लांट से यमुना के पानी को ट्रीट कर सप्लाई किया जाता है. वजीराबाद वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में ही एक वॉटर रिजर्वेयर बनाया गया है, जहां हरियाणा से यमुना में आने वाला पानी स्टोर किया जाता है. उसी पानी को दोनों प्लांटों में ट्रीट कर आगे पीने के लिए सप्लाई किया जाता है.