
हनुमान जयंती के मौके पर राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के बाद अब माहौल धीरे-धीरे ट्रैक पर आ रहा है. इलाके में शांति बहाल करने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है. इस पूरे घटनाक्रम के बाद शुक्रवार को हिंदू और मुस्लिम पक्ष के लोगों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. सद्भाव कायम करने के लिए दोनों पक्षों ने मीडिया के कैमरों के सामने एक-दूसरे से हिंसा को लेकर माफी मांगी.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुस्लिम पक्ष की ओर से तबरेज़ खान ने कहा, 'हनुमान जयंती की घटना के बाद हम स्तब्ध थे. जहांगीरपुरी में हिंदू-मुसलमान साथ-साथ रहते हैं, वह भाईचारा अब भी हैं. हमने जहांगीरपुरी के हर घर में लोगों से बात की है.'
एक-दूसरे को गले लगा, शांति को बढ़ावा दे रहे हैं...
तबरेज़ खान ने कहा,' हम एक दूसरे को गले लगा रहे हैं और शांति को बढ़ावा दे रहे हैं.' इस दौरान तरबेज़ खान ने दिल्ली पुलिस की तारीफों के पुल बांधे. उन्होंने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम में दिल्ली पुलिस ने अच्छी भूमिका निभाई है. उन्होंने 16 अप्रैल की घटना को बढ़ने नहीं दिया.'
हिंसा के पीछे कौन था?
खान ने कहा कि हनुमान जयंती के मौके पर हुई हिंसा के पीछे कौन था, इसकी जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इलाके में अब माहौल बिल्कुल शांतिपूर्ण है. ऐसे में सुरक्षाबलों की तैनाती को कम किया जाना चाहिए.
दंगों ने हमें हिला दिया
वहीं, हिंदू पक्ष की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस में इंद्रमणि तिवारी ने कहा, 'हम जहांगीरपुरी में हुए सांप्रदायिक दंगों से हिल गए थे. जहांगीरपुरी में सांप्रदायिक झड़पों का हमारा कोई इतिहास नहीं रहा है. मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि दोनों समुदायों के बीच का अंतर आज यहीं खत्म हो जाता है.
हिंदू करेंगे ताजिया का स्वागत
तिवारी ने कहा, जहांगीरपुरी में 'हम पिछले 30-40 साल से साथ रह रहे हैं. हम सब मिलकर आग बुझाएंगे, हमें यहां नेताओं की जरूरत नहीं है. जब ताजिया होंगे तो हिंदू इसका स्वागत करेंगे और मैं अपने मुस्लिम भाइयों से अनुरोध करूंगा कि वे हमारे जुलूसों पर फूल बरसाएं.'
सब मिलकर रहना चाहते हैंः डीसीपी
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद उत्तर-पश्चिम दिल्ली की DCP उषा रंगनानी ने कहा, "सुझाव समुदाय की तरफ से ही आया था, लोगों में सद्भाव है. सब मिलकर रहना चाहते हैं. ये हमारी तरफ से लोगों के विश्वास को बढ़ावा देने का एक प्रयास था."
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