
देश की राजधानी नई दिल्ली में इस बार लोगों को हीटवेव से राहत रही है. दिल्ली के प्राथमिक मौसम केंद्र, सफदरजंग वेधशाला में 2014 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि प्री-मानसून सीजन में कोई हीटवेव रिकॉर्ड नहीं की गई है. हालांकि, दिल्ली के सुदूर इलाकों में अप्रैल और मई में संक्षिप्त अवधि के लिए लू की स्थिति देखी गई थी. इस बार मई के महीने में अधिकतम तापमान सामान्य से कम जबकि बारिश अधिक दर्ज की गई है.
दिल्ली के मौसम में ये बदलाव क्यों?
मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो मौसम में इस बदलाव के लिए सामान्य से अधिक पश्चिमी विक्षोभ जिम्मेदार है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा, "आमतौर पर, अप्रैल और मई में उत्तरी मैदानी इलाकों में पांच से छह पश्चिमी विक्षोभ दर्ज किए जाते हैं, लेकिन इस बार 10 पश्चिमी विक्षोभ दर्ज किए गए हैं.''
आनेवाले दिनों के मौसम का हाल
मौसम विभाग की मानें तो एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ के असर से 01 जून से दिल्ली समेत उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में एक बार फिर से बारिश की गतिविधियां देखने को मिलेंगी. वहीं, इस दौरान तेज हवाएं भी चलेंगी. वहीं, अगर अधिकतम तापमान की बात करें तो 05 जून तक तापमान 40 डिग्री के नीचे दर्ज किया जाएगा.
नई दिल्ली के मौसम का हाल
देश की राजधानी नई दिल्ली और आसपास के इलाकों में मंगलवार को धूप खिली रही. आईएमडी की मानें तो शाम को दिल्ली में बारिश मुमकिन है. वहीं, अधिकतम तापमान 36 डिग्री दर्ज किया जा सकता है. वहीं, 31 मई बुधवार को भी दिल्ली में गरज के साथ बारिश का पूर्वानुमान है. वहीं, न्यूनतम तापमान 21 और अधिकतम तापमान 35 डिग्री दर्ज किया जा सकता है. 01 जून को भी नई दिल्ली में बारिश दर्ज की जाएगी. वहीं, तापमान में कोई खास बदलाव देखने को नहीं मिलेगा.
केवल 9 दिन ही दर्ज किया गया 40 से अधिक तापमान
मई में सिर्फ नौ दिनों के लिए दिल्ली में अधिकतम तापमान 40 डिग्री के निशान से ऊपर दर्ज किया गया, जिसमें दो दिनों तक कुछ हिस्सों में लू की स्थिति देखने को मिली थी. आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, सफदरजंग वेधशाला ने मई में अब तक 86.7 मिमी बारिश दर्ज की है. बता दें, आमतौर पर मई के पूरे महीने में राष्ट्रीय राजधानी में औसतन 19.7 मिमी बारिश होती है.