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किसने और क्यों लगाई केजरीवाल के पुतले को फांसी ?

एक बार फिर एमसीडी में सैलरी को लेकर मंगलवार को प्रदर्शन हुआ. लेकिन इस बार प्रदर्शन सफाई कर्मियों ने नहीं बल्कि ईस्ट एमसीडी के दफ्तरों और स्कूलों में काम करने वाले कर्मचारियों और टीचरों ने किया.

नगर निगम ने लगाए नारे नगर निगम ने लगाए नारे
रवीश पाल सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 24 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 11:50 AM IST

एक बार फिर एमसीडी में सैलरी को लेकर मंगलवार को प्रदर्शन हुआ. लेकिन इस बार प्रदर्शन सफाई कर्मियों ने नहीं बल्कि ईस्ट एमसीडी के दफ्तरों और स्कूलों में काम करने वाले कर्मचारियों और टीचरों ने किया.

मंगलवार को युनाइटेड फ्रंट आफ म्युनिसिपल इंप्लाइज़ के बैनर तले ईस्ट एमसीडी के सैंकड़ों टीचर, इंजीनियर, क्लेरिकल स्टाफ और मिनिस्टरियल स्टाफ कर्मचारी पडपड़गंज स्थित ईस्ट एमसीडी के मुख्यालय पहुंचे और नारेबाजी करने लगे. इसके बाद इन्होंने ईस्ट एमसीडी मुख्यालय के गेट पर ताला लगा दिया और आने-जाने वालों को एंट्री रोक दी.

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यही नहीं प्रदर्शन के दौरान इन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पुतले को फांसी लगाई. कर्मचारियों का आरोप था कि हर बार प्रदर्शन के बाद सफाई कर्मचारियों को तो सैलरी मिल जाती है लेकिन एमसीडी के दूसरे स्टाफ की सैलरी अटक जाती है. प्रदर्शन करने वाले एमसीडी स्टाफ की माने तो उन्हें पिछले 3 महीने से ना तो सैलरी मिली है और ना ही 3-4 सालों का एरियर और यही वजह है कि उन्हें भी अब प्रदर्शन करना पड़ रहा है. अधिकारियों ने प्रदर्शन करने वाले स्टाफ से बात की और जल्द ही समस्या के समाधान का आश्वासन दिया तब जाकर एमसीडी मुख्यालय का ताला खोला गया.

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