Advertisement

क्या जेल से सरकार चला पाएंगे केजरीवाल? तिहाड़ के पूर्व जेलर ने बताए नियम

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 7 दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है. ईडी की हिरासत के दौरान केजरीवाल ने कहा कि वह इस्तीफा नहीं देंगे और जेल से ही सरकार चलाएंगे. क्या जेल से सरकार चला पाना उनके लिए संभव है? इस पर तिहाड़ जेल में सालों तक अलग-अलग पदों पर रह चुके सुनील कुमार गुप्ता ने विस्तार से जानकारी दी है.

अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो) अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
अरविंद ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 22 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 11:19 PM IST

शराब नीति मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए गए दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राऊज एवेन्‍यू कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है. कोर्ट ने केजरीवाल को सात दिन के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रिमांड पर भेज दिया है और 28 मार्च को उनकी कोर्ट में पेशी होगी. ईडी की हिरासत के दौरान 'आजतक' से बात करते हुए केजरीवाल ने कहा कि वह इस्तीफा नहीं देंगे और जेल से ही सरकार चलाएंगे. संवैधानिक तौर पर भले ही जेल से सरकार चलाने पर कोई पाबंदी नहीं है, लेकिन क्या व्यवहारिक तौर पर यह मुमकिन है? 

Advertisement

तिहाड़ जेल में सालों तक अलग-अलग पदों पर रह चुके सुनील कुमार गुप्ता से हमने इस मसले पर बातचीत की. उन्होंने बताया कि अरविंद केजरीवाल न्यायिक हिरासत में रहते हुए बिलकुल सरकार चला सकते हैं. उन्होंने कहा,  'Delhi Prison Act-2000 के तहत एडमिनिस्ट्रेशन किसी भी बिल्डिंग या किसी भी जगह को जेल डिक्लेयर कर सकता है और ऐसा होता है तो अरविंद केजरीवाल वहां रह कर सरकार चला सकते हैं, लेकिन ये करने का अधिकार दिल्ली के उपराज्यपाल के पास होता है...'

ये भी पढ़ें: 'जेल से ही सरकार चलाऊंगा... नहीं सोचा था ED इतनी जल्दी आ जाएगी' आजतक से बोले केजरीवाल

 सुब्रत रॉय सहारा को मिली थी ये सुविधा

तिहाड़ जेल के पूर्व सुप्रीटेंडेंट सुनील गुप्ता ने बताया कि उद्योगपति सुब्रत रॉय सहारा के मामले में एक बार ऐसा हुआ है जब एलजी के आदेश पर तिहाड़ जेल के एक कॉप्लेक्स को जेल डेक्लियर किया गया था. उसमें इंटरनेट, फोन और वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा थी, उसी में रह कर सहारा श्री ने अपनी प्रॉपर्टी बेंची थी और सभी पैसे चुकाए थे जिसके बाद उनको बेल मिली थी.

Advertisement

एलजी के पास है अनुमति का अधिकार

 सुनील गुप्ता ने बताया कि किसी भी बिल्डिंग या जगह को Delhi Prison Act -2000 के तहत जेल डेक्लियर करने का अधिकार सिर्फ एलजी के पास है. आम आदमी पार्टी की सरकार और एलजी के बीच जिस तरह के संबंध हैं, उसे देखते हुए तो ये नामुमकिन लगता है की केजरीवाल को ऐसी कोई सुविधा मिले....हालत तो ये हैं कि  एक्साइज पॉलिसी घोटाले की जांच के लिए एलजी ने ही सीबीआई को फाइल भेजी थी. ऐसा नहीं होता तो फिर आम कैदियों की तरह जेल से सरकार चलाना बेहद मुश्किल टास्क होगा...लगभग नामुमकिन होगा.

ये भी पढ़ें: अरविंद केजरीवाल को भारी पड़ीं ये 7 राजनीतिक गलतियां

 उन्होंने बताया कि आम कैदियों के लिए जो जेल मैनुअल हैं वो इस प्रकार हैं-

- कैदी से किसी भी तरह की कोई भी फाइल साइन नहीं कराई जा सकती. 
- जेल मैनुअल के मुताबिक, किसी भी कैदी को जेल में जाने के बाद जेल प्रशासन को 10 लोगों के नाम देने होते हैं, जो 10 लोगों के नाम वो देगा उनमें से कोई भी शख्स जेल में टेलीफोन करेगा. इसे टेली बुकिंग कहते हैं. वो जेल में बताएगा कि वो किस तारीख को कैदी से मिलने के लिए आना चाहता था.
- जेल ऑपरेटर बताता है कि किस दिन आना है किस दिन नहीं. एक बार में तीन लोग मुलाकात करने जेल में आ सकते हैं.
- मुलाकात के दौरान कैदी एक तरफ होता है और मुलाकात करने आया शख्स दूसरी तरफ होता है बीच में आयरन की जाली होती है.
- मुलाकात का वक्त 9:30 बजे शुरू होता है और 12:30 बजे तक मतलब 3 घंटे चलता है.

Advertisement

सत्येंद्र जैन का वीडियो हुआ था वायरल

अरविंद केजरीवाल एक नॉर्मल कैदी की तरह जेल में रहेंगे तो वो कोई फाइल साइन नहीं कर पाएंगे. तिहाड़ जेल के सूत्र बताते हैं कि दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन के मामले में तिहाड़ जेल को जो सीसीटीवी सामने आया था जिसमें वो मसाज करवाते दिखे थे उसके बाद से वैसे ही जेल में हड़कंप मचा हुआ है. जेल में सत्येंद्र जैन को मिलने वाली सुविधाओं  का खुलासा खुद ED ने अदालत में किया था. चूंकि अरविंद केजरीवाल एक हाई प्रोफाइल शख्स हैं, जेल में भी उन पर एजेंसियों की पैनी नजर होगी. ऐसे में जेल प्रशासन का कोई अधिकारी किसी भी तरह की ढील देकर खुद पर आफत लेने से बचेगा. 

गुरुवार शाम को ईडी अचानक से 10वां समन लेकर उनके घर पहुंच गई थी और केजरीवाल को कल शराब नीति मामले में ईडी ने उनके घर से गिरफ्तार किया था, जिसके बाद आज उन्‍हें राउज एवेन्‍यू कोर्ट में पेश किया गया. 

ये भी पढ़ें: केजरीवाल को 28 मार्च तक ईडी की रिमांड पर भेजा, राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सुनाया फैसला

किस मामले में हुए अरेस्ट

बता दें कि दिल्ली की नई शराब नीति नवंबर 2021 में लागू हो गई थी. लेकिन शुरू से ही ये नीति विवादों में रही. बाद में दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव ने एलजी वीके सक्सेना को रिपोर्ट सौंपी, जिसमें शराब नीति में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया. इस मामले में सीबीआई ने केस दर्ज किया. मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए ईडी ने भी केस दर्ज कर लिया. इस मामले में गिरफ्तार होने वाले केजरीवाल चौथे बड़े नेता हैं.

Advertisement

गुरुवार शाम को ईडी अचानक से 10वां समन लेकर उनके घर पहुंच गई थी और केजरीवाल को गुरुवार शाम शराब नीति मामले में ईडी ने उनके घर से गिरफ्तार किया था, जिसके बाद आज उन्‍हें राउज एवेन्‍यू कोर्ट में पेश किया गया. 
 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement