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दिल्ली: 'युवा संसद' में केजरीवाल बोले- जनता की शासन में हो प्रत्यक्ष भागीदारी

सीएम केजरीवाल ने कहा पांच साल में एक बार प्रतिनिधि जनता के बीच आते हैं. फिर प्रतिनिधि लोगों पर शासन करने के लिए कार्यकारी और विधायी दोनों शक्तियों का इस्तेमाल करते हैं. अगले 5 सालों में लोगों का शासन में बहुत कम हस्तक्षेप होता है.

कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन्स यूथ पार्लियामेंट का आयोजन किया गया कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन्स यूथ पार्लियामेंट का आयोजन किया गया
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 25 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 10:00 PM IST

  • 24 देशों के 47 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं
  • लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला शामिल हुए

दिल्ली विधानसभा में सोमवार को कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन्स यूथ पार्लियामेंट का आयोजन किया गया. इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, दिल्ली विधान सभा अध्यक्ष राम निवास गोयल, सीपीए की अध्यक्ष एमिलिया और कई देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.  

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि 'हम लोकतंत्र के ऐसे स्वरूप की परिकल्पना करते हैं, जहां जनता की शासन में प्रत्यक्ष भागीदारी हो. वह बजट से लेकर नीति-निर्धारण में भागीदार हो सके, तभी वास्तविक तौर पर लोकतंत्र की परिकल्पना साकार हो सकती है. अभी लोकतंत्र तो है, लेकिन एक बार प्रतिनिधि का चुनाव करने के बाद जनता की भागीदारी खत्म हो जाती है. उसे लोकतंत्र में भागीदार बनने के लिए फिर 5 साल का इंतजार करना पड़ता है.'

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सीएम ने कहा पांच साल में एक बार प्रतिनिधि जनता के बीच आते हैं. फिर प्रतिनिधि लोगों पर शासन करने के लिए कार्यकारी और विधायी दोनों शक्तियों का इस्तेमाल करते हैं. अगले 5 सालों में लोगों का शासन में बहुत कम हस्तक्षेप होता है. मैं आपके समक्ष यह प्रश्न रखना चाहता हूं कि जब आप अगले दो या तीन दिनों में इस कार्यक्रम में शामिल होंगे, तो इस बात को ध्यान में रखें कि क्या लोकतंत्र एक ऐसे चरण में विकसित हो सकता है, जहां हमारे पास लोकतंत्र का प्रत्यक्ष रूप हो.

बता दें कि 25 से 27 नवंबर के बीच चलने वाले इस युवा संसद में भारत सहित 24 देशों के 47 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं. यहां आगामी 3 दिनों तक भारतीय लोकतांत्रिक पद्धति के अनुसार संसदीय कार्य प्रणाली का आयोजन होगा, जिसमें वर्तमान समय के सभी ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा होगी. इन 47 प्रतिभागियों में से संख्या के हिसाब से सत्ता पक्ष और विपक्ष का चयन हुआ है. इन्हीं में से सदन के अध्यक्ष भी चुने जाएंगे जो पूरी कार्यवाही का संचालन करेंगे.

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