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गुजरात

Morbi Bridge Collapse: जब पुल से धड़ाधड़ गिरने लगे लोग, भयावह था मंजर, देखें मोरबी हादसे की Photos

गोपी घांघर
  • मोरबी,
  • 31 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 12:04 PM IST
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गुजरात के मोरबी में रविवार को हुए पुल हादसे में मरने वालों की संख्या 141 पहुंच गई है. वहीं, 70 लोग इसमें घायल हुए हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. बचे हुए लोगों को नदी से निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. अभी तक 177 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है.

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50 से भी ज्यादा लोग अभी लापता बताए जा रहे हैं, जिन्हें तलाशने के लिए पुलिस, थल सेना, नौसेना, वायु सेना, एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड, एसडीआरएफ की टीमें लगी हुई हैं.

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बता दें, मोरबी में रविवार शाम को मच्छु नदी में बना केबल ब्रिज अचानक टूट जाने से कई लोग नदी में गिर गए थे. यह ब्रिज रिनोवेशन के बाद हाल ही में चालू किया गया था.

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गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की. उन्होंने ब्रिज के टूटने के बाद एक समीक्षा बैठक भी की, जिसमें उनकी कैबिनेट के मंत्री, सांसद, विधायक और स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारी शामिल थे. इस दौरान स्थिति की समीक्षा की गई. घटना की जांच के लिए एसआईटी की पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है.

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विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों, राजकोट अस्पताल और सुरेंद्रनगर अस्पताल के लगभग 40 डॉक्टरों को मोरबी सिविल अस्पताल में इमरजेंसी सर्विस के लिए लगाया गया है, ताकि घायलों का इलाज समय पर हो सके.

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NDRF की दो टीमें मौके पर मौजूद हैं, जिनमें एक गांधीनगर और एक वडोदरा की है. SDRF की तीन प्लाटून राजकोट से पहुंची हैं. SRP की एक प्लाटून जामनगर से आई है. आर्मी की दो प्लाटून हैं. एक सुरेंद्र नगर और एक कच्छ से हैं. राजकोट नगर निगम की 10 नावें और फायर ब्रिगेड की टीमें भी पहुंची हैं.

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गुजरात सरकार ने हादसे की जांच के लिए 5 लोगों की SIT का गठन कर दिया है, जिसमें म्युनिसिपल कारपोरेशन के एक IAS अधिकारी, एक क्वालिटी कंट्रोल इंजीनियर और 3 अन्य आधिकारी शामिल रहेंगे. इसके अलावा CID की एक टीम भी इसकी जांच करेगी.

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हादसे के बाद जिसके परिवार के सदस्य फंसे या लापता हैं. उनकी जानकारी के लिए जिला कलेक्टर कार्यालय के आपदा नियंत्रण कक्ष ने हेल्पलाइन नंबर 02822 243300 जारी किया है.

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केबल ब्रिज काफी पुराना बताया जा रहा है. राजा-महाराजाओं के समय का यह पुल ऋषिकेश के राम-झूला और लक्ष्मण झूला पुल कि तरह झूलता हुआ सा नजर आता था, इसलिए इसे झूलता पुल भी कहते थे.

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पिछले 7 महीने से इस पुल की मरम्मत चल रही थी. रिनोवेशन का काम एक ट्रस्ट के जरिए किया गया.

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इतने समय बाद पुल खुलने के कारण रविवार को बड़ी तादाद में लोग अपने परिवारों के साथ पुल पर तस्वीरें और सेल्फी लेने के लिए पहुंचे थे.

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ब्रिज की लंबाई 200 मीटर से ज्यादा थी. चौड़ाई करीब 3 से 4 फीट थी.

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