आमतौर पर लोग चाय की दुकान पर चाय पीकर कप को फेंक देते हैं, लेकिन गुजरात के वडोदरा में चाय की एक ऐसी दुकान है जहां लोग इसकी चुस्की लेने के बाद कप को फेंकते नहीं बल्कि खा जाते हैं. जी हां, आपने बिल्कुल सही सुना लोग कप को खा जाते हैं.
दरअसल वडोदरा के चार दोस्तों ने मिल कर एक चाय की दुकान खोली है जिसका कॉन्सेप्ट बाकी दुकानों से पूरी तरह अलग है. यहां पर चाय पीने के बाद उसके कप को फेंका नहीं जाता बल्कि लोग उसे खा जाते हैं. ऐसा इन दोस्तों ने पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए किया है.
वडोदरा के अनाथालय में पले-बढ़े चार दोस्त लवकुश, विकास, शंकर और सूरज ने एक चाय की छोटी सी दुकान शुरू की है. इन चार दोस्तों में से लवकुश बचपन से सुनता आया था कि पर्यावरण को बचाने के लिए सबको कुछ न कुछ करना पडे़गा.
इसी बात को ध्यान में रखकर उन्हें चाय की दुकान शुरू करने के बाद एक आइडिया मिला कि चाय का कप लोग चाय पीकर फेंक देते हैं, अगर उसका कुछ और इस्तेमाल हो तो? इससे पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचेगा.
बस इसी सोच के साथ उसकी खोज खानेवाले कप पर खत्म हुई. इंटरनेट पर उसको ऐसा कांसेप्ट दिखा, जिसके बाद उसने खाने वाले कप मंगवाना शुरू कर दिया.
यह कप गेंहू के आटे से बनाये जाते है. लवकुश और उसके बाकी दोस्त उसमें चॉकलेट का फ्लेवर लगाकर लोगों को चाय पिलाते हैं.
लोग भी चाय पी कर कप को खा जाते हैं, जिसमें उनको चॉकलेट का स्वाद आता है.
इससे पेपर या थर्मोकॉल से बनने वाला कप वेस्ट नहीं होता और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचता है. लोगों को भी यह आइडिया काफी यूनिक लग रहा है. लोग खुशी से आते हैं और चाय पी कर कप को खा जाते हैं.