Advertisement

अपना 80 लाख का इंश्योरेंस कराया, फिर भिखारी को मारकर ले लिए क्लेम के पैसे, 17 साल बाद गुजरात से पकड़ा गया यूपी का शख्स

गुजरात के अहमदाबाद में एक 39 साल के युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपी युवक पर कथित तौर पर खुद मौत का षड्यंत्र रचने का आरोप है. आरोपी युवक ने बीमा राशि के 80 लाख रुपये पाने के लिए एक भिखारी की हत्या कर दी थी. इस पूरी साजिश में युवक के परिवार के सदस्यों ने भी मदद की है. आरोपी पिछले 17 साल से एक नई पहचान बनाकर अहमदाबाद में रह रहा था.

आरोपी को गुजरात के अहमदाबाद से पकड़ा गया है. (Photo- gujarattak.in) आरोपी को गुजरात के अहमदाबाद से पकड़ा गया है. (Photo- gujarattak.in)
aajtak.in
  • अहमदाबाद,
  • 09 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 11:25 AM IST

गुजरात में एक ऐसे शख्स को पकड़ा गया है, जो कागजों में 17 साल पहले मर गया था. जी हां, ये युवक यूपी का रहने वाला है और उसने 80 लाख का इंश्योरेंस क्लेम पाने के लिए खुद की हत्या की साजिश रची थी. हालांकि, पुलिस की जांच में भांडा फूट गया और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपी युवक ने एक भिखारी को मारकर बीमा की राशि वसूल कर ली थी. इस पूरी साजिश में युवक के पिता और भाइयों ने भी साथ दिया था.
 
यह पूरा मामला उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले (नोएडा) के भट्टा-पारसौल गांव का है. बुधवार को पुलिस ने बताया कि आरोपी अनिल सिंह चौधरी (39 साल) को अहमदाबाद से गिरफ्तार किया गया है. अनिल ने कथित तौर पर अपने परिवार के सदस्यों की मदद से एक भिखारी की हत्या कर दी थी और उसके बाद पिछले 17 साल से नई पहचान बनाकर रह रहा था. आरोपी ने अपनी मौत की झूठी कहानी इसलिए रची थी, क्योंकि वो बीमा राशि में 80 लाख रुपये का क्लेम पाना चाहता था. इस साजिश में वो कुछ हद तक कामयाब भी हो गया. अंत में साजिश से पर्दा हटा और अब जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया गया है.

Advertisement

'आगरा में कार हादसे में दिखाई थी मौत'

क्राइम ब्रांच की टीम ने अहमदाबाद के निकोल इलाके से अनिल सिंह की गिरफ्तारी की है. पुलिस ने बताया कि यूपी में आगरा के रकाबगंज थाना इलाके में 31 जुलाई 2006 को एक कार हादसा सामने आया था. इस दुर्घटना में एक 'कार चालक' की आग में जलकर मौत हो गई थी. अनिल सिंह चौधरी की कार चालक के रूप में पहचान की गई थी. यह शिनाख्त अनिल के पिता विजयपाल सिंह चौधरी ने की थी. पुलिस ने हादसा समझकर एफआईआर दर्ज कर ली थी.

'बीमा राशि हड़पने के लिए खुद की मौत की साजिश रची'

हाल ही में अहमदाबाद क्राइम ब्रांच को अपने सोर्स से पता चला कि अनिल सिंह चौधरी अभी भी जीवित है और वो एक नए नाम राजकुमार चौधरी के रूप में पहचाना जाता है. इस समय अनिल अहमदाबाद के निकोल क्षेत्र में रह रहा है. क्राइम ब्रांच ने छापा मारा और आरोपी को हिरासत में ले लिया. पूछताछ में अनिल सिंह चौधरी ने स्वीकार किया कि उसने अपने घरवालों के साथ मिलकर एक साजिश रची थी. इस प्लान के तहत उसने खुद की मौत का नाटक किया. यह सब उसने दुर्घटना बीमा राशि हड़पने के लिए किया था. पुलिस ने कहा कि प्लान के अनुसार, अनिल सिंह चौधरी ने 2004 में एक एक्सीडेंटल डेथ इंश्योरेंस पॉलिसी ली थी और फिर एक कार खरीदी थी.

Advertisement

'भिखारी को लालच दिया और कार में फेंक दिया'

बाद में अनिलसिंह चौधरी, उसके पिता और भाइयों ने ट्रेनों में भीख मांगने वाले एक भिखारी को भोजन का लालच दिया और वे भिखारी को आगरा के पास एक होटल में ले गए. वहां नशीला पदार्थ मिला हुआ भोजन परोसा. उसके बाद आरोपियों ने बेहोश भिखारी को अपनी कार में फेंक दिया और इसे दुर्घटना की तरह दिखाने के लिए जानबूझकर वाहन को बिजली के खंभे से टकरा दिया. 

'बीमा के पैसे को घरवालों ने कर लिया बंटवारा'

पुलिस ने कहा कि बाद में आरोपियों ने भिखारी को ड्राइविंग सीट पर बिठाया और यह दिखाने के लिए आग लगा दी कि दुर्घटना के कारण कार में आग लग गई. अनिल सिंह चौधरी के पिता विजयपाल सिंह ने शव की पहचान अपने बेटे के रूप में की और गौतमबुद्ध नगर जिले में अपने पैतृक गांव में उसका अंतिम संस्कार किया. पुलिस ने कहा, विजयपाल सिंह चौधरी ने अपने बेटे की दुर्घटना मृत्यु बीमा में 80 लाख रुपये का दावा किया और परिवार के सदस्यों के बीच पैसे का बंटवारा भी कर लिया.

'2006 से अहमदाबाद में रह रहा था अनिल'

पुलिस का कहना था कि अपना हिस्सा लेने के बाद अनिल सिंह चौधरी 2006 में अहमदाबाद आ गया और फिर कभी उत्तर प्रदेश में अपने पैतृक गांव वापस नहीं गया. वो 17 साल गुजरात में ही रह रहा था. उसने अपना नाम बदलकर राजकुमार चौधरी रख लिया और इसी नाम से ड्राइविंग लाइसेंस और आधार कार्ड भी हासिल कर लिया. उसने अपनी आजीविका कमाने के लिए लोन पर एक ऑटो-रिक्शा और फिर एक कार खरीद ली. पुलिस गिरफ्त से बचने के लिए अनिल सिंह चौधरी ना तो अपने पैतृक गांव गया और ना अपने परिवार के किसी सदस्य को फोन किया.

Advertisement

गुजरात पुलिस का कहना था कि आगे की कार्रवाई के लिए अनिल को उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंपा जाएगा.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement