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गुजरात के सासण गिर में लोगों को अपना शिकार बनाने वाले 18 शेरों के खिलाफ मुकदमा चलाने के बाद उन्हें सजा दी जाएगी. अभी तक यह प्रथा सिर्फ इंसानों तक ही सीमित थी.
उनके खिलाफ पुलिस आरोप पत्र प्रस्तुत करती है जिसके अनुसार न्यायालय में मुकदमा चलाने के बाद सजा होती है. यही कानून अब जंगली जानवरों के खिलाफ भी अमल में लाया जाएगा. इन नरभक्षी शेरों के खिलाफ मुकदमा चलेगा. अपराध साबित होने पर इन्हें उम्रकैद की सजा हो सकती है. अगर बरी हुए तो इन्हें फिर जंगल में छोड़ दिया जाएगा.
चार लोग बने शेरों का शिकार
शेरों ने पिछले तीन महीनों में आबंरडी, कोदिया और दूधियां गांवों में चार लोगों को अपना शिकार बनाया है और तकरीबन 6 लोगों को घायल किया है. इस अपराध में वन विभाग ने 18 शेरों को पकड़ कर जूनागढ़ के सक्कर बाग चिड़ियाघर में रखा है.
जांच के बाद होगी सजा
बताया जा रहा है कि ये सभी 18 शेर आदमखोर नहीं है. इनमें से किसने शिकार किया, इसकी जांच की जाएगी. वैज्ञानिक पद्धति से इसकी जांच होगी. इसे फॉरेंसिक एविडेंस भी कहते हैं. इनके खिलाफ सबूत इकट्ठा करके वन विभाग के विशेष बोर्ड के सामने पेश किए जाएंगे. इस बोर्ड में वन विभाग के उच्च अधिकारी होते हैं. बोर्ड सभी तथ्यों के मद्देनजर नरभक्षी शेरों को हमेशा के लिए किसी चिड़ियाघर में बंद कर देगा. अन्य शेरों को जंगल में छोड़ने का आदेश दिया जा सकता है.