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'10, 15, 20, 30 लोगों को निकाल देना चाहिए...', गुजरात में कांग्रेस नेताओं पर क्यों भड़के राहुल गांधी

लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी शनिवार को गुजरात दौरे पर पहुंचे. उन्होंने अहमदाबाद में आयोजित कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम को संबोधित किया. राहुल ने कहा, गुजरात की जनता विकल्प चाहती है. बी टीम नहीं चाहती है. मेरी जिम्मेदारी इन दो ग्रुप्स को छानने की है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी. कांग्रेस नेता राहुल गांधी.
अतुल तिवारी
  • अहमदाबाद,
  • 08 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 2:22 PM IST

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को गुजरात के अहमदाबाद में बड़ा बयान दिया. राहुल ने कहा, मैं कांग्रेस पार्टी का मेंबर हूं और स्टेज से मैं ये कहना चाहता हूं कि गुजरात को कांग्रेस पार्टी रास्ता नहीं दिखा पा रही है. उन्होंने आगे कहा, गुजरात कांग्रेस में दो तरह के लोग हैं. एक वो हैं, जो जनता के साथ खड़े हैं. जिसके दिल में कांग्रेस की विचारधारा है. 

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राहुल ने कहा, दूसरा वो हैं, जो जनता से दूर हैं. कटे हुए हैं और उसमें से आधे बीजेपी से मिले हैं. जब तक हमने इन दो को अलग नहीं किया, तब तक गुजरात की जनता हम पर विश्वास नहीं कर सकती है.

राहुल ने संवाद कार्यक्रम को किया संबोधित

राहुल गांधी प्राइवेट बैंक्वेट हॉल में आयोजित कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. कार्यक्रम में महिलाओं ने राहुल का स्वागत किया.

'गुजरात की जनता विकल्प चाहती है'

राहुल गांधी ने कहा, गुजरात की जनता विकल्प चाहती है. बी टीम नहीं चाहती है. मेरी जिम्मेदारी इन दो ग्रुप्स को छानने की है. हमारे पास बब्बर शेर हैं. मगर पीछे से चेन लगी हुई है. सब पीछे से बंधे हुए हैं.

'निकालना पड़े तो निकाल देना चाहिए'

उन्होंने कहा, अगर हमें सख्त कार्रवाई करनी पड़ी. 10, 15, 20, 30 लोगों को निकालना पड़ा तो निकाल देना चाहिए. बीजेपी के लिए अंदर से काम कर रहे हो. चलो जाकर बाहर से काम करो. तुम्हारी वहां जगह नहीं बनेगी. वो तुमको बाहर फेंक देंगे. राहुल ने कहा, मैंने कल वरिष्ठ नेताओं, जिला और ब्लॉक अध्यक्षों से मुलाकात की. मेरा लक्ष्य था- आपके दिल की बातें जानना और समझना इस बातचीत में संगठन, गुजरात की राजनीति और यहां की सरकार के कामकाज से जुड़ी बहुत सी बातें सामने आईं. लेकिन मैं यहां सिर्फ कांग्रेस पार्टी के लिए नहीं आया हूं, बल्कि प्रदेश के युवाओं, किसानों, महिलाओं और छोटे व्यापारियों के लिए आया हूं.

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उन्होंने कहा, संगठन, गुजरात की राजनीति, बीजेपी सरकार की धमकियों के बारे में बातें हुई. मैं अच्छे से आपकी बात सुन रहा था. मेरे दिमाग में सवाल उठा. मेरी और कांग्रेस की गुजरात में क्या जिमेदारी बनती है. मैं सिर्फ कांग्रेस के लिए नहीं आया, युवा, किसान, व्यापारी, बहनों के लिए आया हूं. मैंने खुद से पूछा- मेरी और कांग्रेस की क्या जिमेदारी है. करीब 30 साल से हम यहां सरकार में नहीं हैं. मैं जब आता हूं तो 2012, 2017, 2022, 2027 चुनाव पर बात होती है. पर सवाल चुनाव का नहीं है. जब तक हम जिमेदारी पूरी नहीं करेंगे, गुजरात की जनता हमें चुनाव नहीं जिताएगी. हमें सच में गुजरात की जनता से सरकार मांगना ही नहीं चाहिए. जिस दिन हमने जिम्मेदारी पूरी की, उसी दिन गुजरात के लोग कांग्रेस को समर्थन देंगे.

उन्होंने कहा, आजादी की लड़ाई में अंग्रेज सामने थे. कांग्रेस जनता को रिप्रेजेंट करती थी, पर हमारा लीडर नहीं था. लीडर साउथ अफ्रीका से आया. कौन थे? महात्मा गांधी थे. लीडर साउथ अफ्रीका ने नहीं दिया, पर गुजरात ने कांग्रेस को नेतृत्व दिया. उसने हमें सोचने-लड़ने- जीने का तरीका दिया. गांधीजी के बिना कांग्रेस देश को आजादी नहीं दिला पाती और गुजरात बिना गांधीजी नहीं होते. अगर हमें रास्ता दिखा, संगठन और हिंदुस्तान को गुजरात ने रास्ता दिखाया. उनके एक कदम पीछे आपने सरदार पटेल भी दिए. हमारे पांच सबसे बड़े नेता में से दो गुजरात ने दिए. गुजरात हमसे यही मांग रहा है. गुजरात फंसा है, रास्ता नहीं मिल रहा. गुजरात आगे बढ़ना चाहता है.

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राहुल ने कहा, मैं कांग्रेस का हूं और कहता हूं कि कांग्रेस गुजरात की जनता को रास्ता नहीं बता पा रही. मैं डरकर या शरमा कर नहीं कह रहा, पर राहुल गांधी, जनरल सेक्रेटरी, पीसीसी प्रेसिडेंट हो, हम कोई गुजरात को रास्ता नहीं दिखा पा रहे. हम अगर गुजरात की जनता का सम्मान करते हैं तो साफ कहना पड़ेगा. गुजरात की पिछले 30 साल में हमसे उम्मीद थी, वो हमने पूरी नहीं की. हमें कहना पड़ेगा, नहीं कहेंगे तो गुजरात की जनता से रिश्ता नहीं बनेगा. मैं युवाओं से रिश्ता बनाने आया हूं.

लोकसभा में नेता विपक्ष ने कहा, मेरे समेत हमारे नेताओं को गुजरात की जनता के बीच उनके घर में जाकर उनकी आवाज सुननी पड़ेगी. हम आपके लिए क्या कर सकते हैं, यह सुनने जाना पड़ेगा. भाषण या नारे नहीं लगाने. पहले सुनना पड़ेगा. यह आसानी से हो सकता है. मैं गाड़ी में कह रहा था, विपक्ष के पास गुजरात में 40 प्रतिशत वोट हैं. विपक्ष छोटा नहीं है. अगर गुजरात में कहीं भी दो लोगों को खड़ा करो तो एक बीजेपी, एक कांग्रेस का है. मतलब दो में से एक हमारा एक उनका है. पर हमारे दिमाग में है कि कांग्रेस के पास दम नहीं है. बस 5 प्रतिशत वोट बढ़ाना है. तेलंगाना में 22 प्रतिशत वोट बढ़ाया पर यहां छाने बिना 5 प्रतिशत नहीं बढ़ेगा. आप मुझे जहां ले जाना चाहते हो, मुझे बताओ- मुझे गुजरात को समझाना है. जनता से रिश्ता बनाना है. मैं जब कांग्रेस से कहता हूं- बब्बर शेर तो वो विश्वास निकल नहीं पा रहा. मेरा काम उसे निकालना है, वो खोया नहीं है. गुजरात को कोई ऐसा नहीं जिसके दिल में विश्वास ना हो. शर्त उसे निकालने की है. मैं इसे पूरा करूंगा. मैं जब गुजरात में आता हूं, एक समस्या आती है. मैं वजन कम करने की कोशिश करता हूं पर आप जिस रेस्टोरेंट पर ले जाते है, मेरा वजन एक किलो बढ़ जाता है.

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