
देश के महानगरों में हुए स्वच्छता सर्वेक्षण में सूरत महानगरपालिका ने स्वच्छता में एक नंबर हासिल किया था. मगर, देश के इस सबसे स्वच्छ शहर में आवारा कुत्तों के आतंक से लोग परेशान हैं. शहर में आवारा कुत्ते लगातार लोगों को अपना शिकार बनाते आ रहे हैं. ताजा मामले में कुत्तों ने हमला कर चार साल की मासूम बच्ची की जान ले ली.
महानगरपालिका आवारा कुत्तों के सामने खुद को लाचार और भी बेबस महसूस कर रही है. घटना सूरत के भेस्तान इलाके की है. यहां रहने वाले एक श्रमिक परिवार की चार की बच्ची झाड़ियों से गुजरती हुई गन्ना लेने जा रही थी. उसी दौरान कई कुत्तों ने मिलकर उस पर हमला कर दिया. घटना में बच्ची के शरीर पर कई जख्म हो गए और उसकी मौत हो गई.
झाबुआ का रहने वाला है परिवार
मृतक बच्ची का सिविल हॉस्पिटल में पोस्टमार्टम करवाया गया है. सिद्धार्थ नगर झुग्गी में रहने वाले श्रमिक कालू भाई देवचंद अरड मूल रूप से मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के रहने वाले हैं. वह अपनी पत्नी, तीन बेटों और चार साल की एक बेटी सुरमिला के साथ यहां रह रहे हैं.
कालू भाई और उनकी पत्नी पांडेसरा जीआईडीसी में स्थित एक टेक्सटाइल मिल के बॉयलर में कोयला डालने का काम करते हैं. हर रोज की तरह वे अपने बच्चों को घर पर छोड़कर काम पर गए थे. सोमवार की शाम करीबन पांच बजे कालू भाई की बेटी सुरमिला झुग्गी के पास झाड़ियों में गायों के लिए डाले जाने वाले चारे में गन्ने के टुकड़ों की तलाश करती करती पहुंची थी.
कुत्तों के झुंड ने कर दिया हमला
मगर, उसको नहीं पता था कि वहां गन्ने के टुकड़ों की बजाय उसे मौत मिलेगी. गन्ने की तलाश में पहुंची सुरमिला पर अचानक 8 से 10 आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया. बुरी तरह घायल सुरमिला ने मौके पर ही दम तोड़ दिया.
शाम को जब माता-पिता काम से लौटकर घर वापस आए, तो उन्होंने सुरमिला की तलाश शुरू की. मगर, बच्ची का कहीं पता नहीं चला. इसी दौरान जब वे झाड़ियों की तरफ बढ़े, तो वहां पर बच्ची का शव मिला. उसके जिंदा होने की आस में माता-पिता उसे रात को ही सूरत के नए सिविल अस्पताल लेकर गए. वहां डॉक्टर ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया.