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गुजरात में 45 हिंदुओं ने अपनाया बौद्ध धर्म, कलेक्टर बोले- जांच कराएंगे

महिसागर जिले में राज्य के तीन जिलों के 45 लोग हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध बने हैं. इसके लिए बालासिनोर शहर में होटल गार्डन पैलेस में कार्यक्रम रखा गया था. यहां धर्म गुरु ने प्रतिज्ञा दिलाकर लोगों को हिंदू से बौद्ध धर्म स्वीकार कराया. धर्म परिवर्तन करने वालों में महिसागर, पंचमहल ओर खेड़ा जिले के लोग हैं.

महिसागर जिले में 45 हिंदुओं ने बौद्ध धर्म अपनाया महिसागर जिले में 45 हिंदुओं ने बौद्ध धर्म अपनाया
aajtak.in
  • महिसागर ,
  • 15 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:37 PM IST

गुजरात के महिसागर जिले में धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है. यहां तीन जिलों के 45 लोग हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध बने हैं. इस मामले को जिला कलेक्टर का बयान भी सामने आया है.

होटल में रखा गया था धर्म परिवर्तन का कार्यक्रम

गौरतलब है कि जिले के बालासिनोर शहर में होटल गार्डन पैलेस में 45 लोगों के लिए धर्म परिवर्तन के लिए कार्यक्रम रखा गया था. यहां धर्म गुरु ने प्रतिज्ञा दिलाकर उपस्थित 45 लोगों को हिंदू से बौद्ध धर्म स्वीकार कराया. धर्म परिवर्तन करने वालों में महिसागर, पंचमहल ओर खेड़ा जिले के लोग हैं.

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बिना किसी प्रलोभन के बौद्ध धर्म स्वीकार किया

लोगों का कहना है कि उन्होंने बिना किसी प्रलोभन के बौद्ध धर्म स्वीकार किया है. इसके लिए प्रशासन से मंजूरी भी मांगी गई थी. उधर, इस धर्म परिवर्तन मामले की अधिकारियों तक भी पहुंची है.

चुनाव होने के कारण अर्जियों की जांच नहीं हो पाई

महिसागर जिला कलेक्टर का कहना है कि जिले में 29 लोगों ने धर्म परिवर्तन के लिए मंजूरी मांगते हुए अर्जी दी थी. राज्य में विधानसभा चुनाव होने के कारण इन अर्जियों की जांच नहीं हो पाई थी. मामले में जांच करके आगे की कार्रवाई की जाएगी.

गौरतलब है कि हाल ही में जबरन या लालच देकर धर्मांतरण कराने के मामले में गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था. इसमें गुजरात सरकार ने देश में धर्मांतरण पर कड़े कानून बनाने की मांग का समर्थन किया है. हलफनामे में गुजरात सरकार ने कहा कि उसने विधानसभा से राज्य में धर्मांतरण रोकने के लिए कानून पारित किया है.

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सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर किए गए हलफनामे में कहा कि संविधान में अपने धर्म का पालन और प्रचार करने की स्वतंत्रता के अधिकार में लोगों को बलपूर्वक या लालच देकर धर्म परिवर्तित कराने का मौलिक अधिकार शामिल नहीं है. धर्म पालन करने की स्वतंत्रता के अधिकार में अन्य लोगों को किसी विशेष धर्म में परिवर्तित करने का मौलिक अधिकार शामिल नहीं है.

(रिपोर्ट- वीरेन जोशी)

 

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