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फेक करेंसी के लेनदेन मामले में दो अभियुक्तों को 7 साल की सजा, NIA कोर्ट का फैसला

नकली भारतीय करेंसी के लेनदेन में विनोद निषाद (मुज्जफरपुर ,बिहार का रहने वाला) और महफूज शेख (बिहार का रहने वाला) को सजा मिलेगी. केंद्रीय जांच संस्था DRI द्वारा दर्ज मामले में NIA ने यह कार्रवाई की है. दोनों आरोपियों के खिलाफ सात साल की सजा का ऐलान हुआ है. 

NIA ने 2 आरोपियों की सुनाई 7 साल की सजा NIA ने 2 आरोपियों की सुनाई 7 साल की सजा
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • अहमदाबाद,
  • 01 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 5:54 PM IST

गुजरात में FiCN केस यानी नकली भारतीय करेंसी के लेनदेन से जुड़े केस में NIA द्वारा दर्ज मामले में पहली बार किसी आरोपी को सजा का ऐलान हुआ है. गुजरात स्थित NIA की विशेष कोर्ट ने आरोपियों को सजा सुनाई है. उन दोनों आरोपियों के खिलाफ सात साल की सजा का ऐलान हुआ है. 

नकली भारतीय करेंसी के लेनदेन में विनोद निषाद (मुज्जफरपुर ,बिहार का रहने वाला) और महफूज शेख (बिहार का रहने वाला) को सजा मिलेगी. केंद्रीय जांच संस्था DRI द्वारा दर्ज मामले में NIA ने यह कार्रवाई की है. 

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क्या है पूरा मामला?

दरअसल इन दोनों लोगों पर आरोप है कि इन्होंने ट्रेन के जरिए भारी मात्रा में नकली करेंसी बिहार से गुजरात पहुंचाई. इनमें से एक आरोपी विनोद निषाद के खिलाफ पहले भी हत्या जैसे बड़े मामले दर्ज हैं.

NIA ने लिया था बड़ा एक्शन

इसके अलावा गैंगस्टर्स -टेरर फंडिंग मामले में NIA ने कुछ दिनों पहले बड़ा एक्शन लिया था. एजेंसी ने दिल्ली-NCR, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब समेत दूसरे राज्यों में 20 जगहों छापेमारी की. एनआईए ने लॉरेंस बिश्नोई, नीरज बवाना, टिल्लू ताजपुरिया समेत आधा दर्जन गैंगस्टर्स से पूछताछ के बाद यह कार्रवाई की. सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में लॉरेंस बिश्नोई, नीरज बवाना और दूसरे गैंगस्टर्स से जुड़े कई दूसरे गैंगस्टर्स के नाम सामने आए थे, जिनके घरों और उनसे जुड़े लोगों के ठिकानों पर रेड मारी गई.

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