
गुजरात में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी के संयोजकर अरविंद केजरीवाल गुजरात के अहमदाबाद पहुंचे है, जहां वो भगवनान कृष्ण के मंदिर में दर्शन कर मिशन 2022 का आगाज करेंगे. 2017 के चुनाव में जमानत जब्त करा चुकी आम आदमी पार्टी इस साल गुजरात नगर निगम चुनाव से नतीजों से उत्साहित है. ऐसे में देखना है कि इस बार केजरीवाल गुजरात के चुनावी रणभूमि में क्या सियासी गुल खिलाते हैं?
गुजरात के सूरत महानगर पालिका चुनाव में 27 सीट जीतने के बाद आम आदमी पार्टी के हौसले काफी उत्साहित है. ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव में राज्य में सियासी जमीन तैयार करने की हर संभव कोशिश में आम आदमी पार्टी अभी से जुट गई है. गुजरात में पाटीदार एकता के नारे के साथ गुजरात का अगला मुख्यमंत्री पाटीदार को बनाने की घोषणा के बाद से हलचल तेज हो गई है. इसी के तहत दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गुजरात यात्रा रखी गई.
केजरीवाल सोमवार को अहमदाबाद एयरपोर्ट पर पहुंचे, जहां पार्टी नेताओं ने उनका स्वागत किया. वो आम आदमी पार्टी को विस्तार करने के लिए नेताओं से मुलाकात करेंगे. छह महीने में यह दूसरा मौका होगा जब केजरीवाल गुजरात पहुंचे हैं. वह इससे पहले फरवरी नगर निगम चुनाव नतीजे के बाद सूरत गए थे, जहां स्थानीय निकाय चुनाव में पहली बार चुनाव मैदान में उतरी उनकी पार्टी मुख्य विपक्षी दल के तौर पर उभरी थी. ऐसे में अब 2022 नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले केजरीवाल का दौरा काफी अहम माना जा रहा है.
गुजरात में पार्टी की ओर से विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी है. केजरीवाल के अहमदाबाद पहुंचने पर गुजरात आम आदमी पार्टी इकाई के संयोजक गोपाल लटालिया ने कहा कि गुजरात के कोने कोने से एक ही आवाज उठ रही है अब बदलेगा गुजरात. वहीं, गुजरात दौरे से एक दिन पहले केजरीवाल ने कहा कि अब गुजरात बदलेगा. केजरीवाल ने ट्वीट किया 'सोमवार को गुजरात आ रहा हूं, जहां प्रदेश के भाइयों एवं बहनों से मुलाकात होगी.
दरअसल, अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी लंबे समय से गुजरात में बीजेपी और कांग्रेस के विकल्प के तौर पर खुद को पेश करती रही है. इसके लिए केजरीवाल ने 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले राज्य का दौरा किया था और उन्होंने नरेंद्र मोदी के गुजरात मॉडल पर सवाल खड़े किए थे. राज्य में डोर टू डोर अभियान चलाकर आम आदमी पार्टी ने माहौल को अपने पक्ष में बनाने की कवायद की थी, जिसके लिए आप नेता गोपाल राय को विशेष रूप से गुजरात संभालने के लिए भेजा था.
साल 2017 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 33 सीटों पर अपने कैंडिडेट उतारे थे. गुजरात में चुनाव प्रचार के दौरान अरविंद केजरीवाल ने सूरत में हुंकार भरी थी. उन्होंने जूनागढ़, गिर-सोमनाथ और राजकोट जिलों के कुछ गांवों का भी दौरा कर किसानों की समस्याएं भी जानी थीं. इसके बावजूद एक भी विधानसभा सीट जीतना तो दूर अरविंद केजरीवाल की पार्टी के सभी के सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी.
दिल्ली में भले ही आम आदमी पार्टी का डंका बजता हो लेकिन दिल्ली से बाहर कामयाबी पाने के लिए अभी उन्हें बहुत चांद-सूरज देखने पड़ेंगे. गुजरात विधानसभा चुनावों के नतीजों ने ये कड़वा घूट पीकर आम आदमी पार्टी संघर्ष करती रही, जिसका नतीजा फरवरी 2021 के नगर निगम चुनाव में देखने को मिले हैं. ऐसे में आम आदमी पार्टी के अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है.
यही वजह है कि अरविंद केजीरवाल भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर में माथा टेकर मिशन 2022 का आगाज करेंगे. इस तरह से सॉफ्ट हिंदुत्व के एजेंडे के जरिए बीजेपी के हार्ड हिंदुत्वा का सामना करना चाहते हैं. पिछले चुनाव में राहुल गांधी ने भी ऐसी ही रणनीति अपनाई थी और वो अपने प्रचार के दौरान तमाम मंदिरों में जाकर माथा टेका था, जिसका सियासी फायदा भी चुनाव में कांग्रेस को मिला था. हालांकि, बीजेपी मामली सीटों के साथ बहुमत हासिल कर सत्ता बचाने में कामयाब रही थी और अब देखा है कि इस बार कैसी चुनौती विपक्ष पेश कर पाता है.