
गुजरात के मोरबी में केबल ब्रिज टूटने से 130 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल तक हादसे पर दुख व्यक्त कर चुके हैं. लेकिन अब गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल पर हादसे के समय अपने जन्मदिन पर बर्थडे केक काटने का आरोप लग रहा है.
दिल्ली से आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश बाल्यान ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है. वीडियो में गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल दर्जनों लोगों के साथ जन्मदिन मनाते नजर आ रहे हैं. इस दौरान आतिशबाजी भी की गई. नरेश बाल्यान ने ट्वीट कर कहा, 'कल शाम मोरबी में इतनी बड़ी घटना हो गई. डेढ़ सौ से अधिक लोग बच्चे, महिलाएं मर गये, लेकिन गुजरात का स्वास्थ्य मंत्री उस घटना को जानने के बावजूद अपने जन्मदिवस की पार्टी में जश्न मनाता रहा, आतिशबाजी करता रहा. इनका घमंड सातवे आसमान पर है, जब तक ये हारेंगे नहीं, इनका घमंड टूटेगा नहीं.'
बता दें कि रविवार को छुट्टी का दिन होने के कारण मोरबी में ऐतिहासिक केबल ब्रिज पर घूमने के लिए काफी लोग पहुंच गए थे. यहां काफी भीड़ हो गई थी. लोग सेल्फी लेने में मशगूल थे कि अचानक केबल ब्रिज टूट गया और सैकड़ों लोग सीधे नदी में जा गिरे. इस हादसे के बाद वहां चीख-पुकार मच गई और पुलिस प्रशासन ने आनन-फानन में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया, जो अब तक जारी है.
सांसद के 12 रिश्तेदारों की जान गई
हादसे में मारे गए लोगों में ज्यादातर छोटे बच्चे हैं. राजकोट से लोकसभा सांसद मोहन कुंदरिया के 12 रिश्तेदार भी इस हादसे में मारे गए. कुंदरिया ने न्यूज एजेंसी को बताया कि हादसे में उनके बड़े भाई के साले की चार बेटियां, उनमें से तीन के पति और 5 बच्चे मारे गए हैं.
143 साल पुराना था ब्रिज
मोरबी में हुए ब्रिज हादसे के बाद अब तक पुल से जुड़े कई खुलासे हो चुके हैं. सामने आया है कि मोरबी का 765 फुट लंबा और 4 फुट चौड़ा पुल 143 साल पुराना था. इस पुल का उद्घाटन 1879 में किया गया था. इस केबल ब्रिज को 1922 तक मोरबी में शासन करने वाले राजा वाघजी रावजी ने बनवाया था. वाघजी ठाकोर ने पुल बनाने का फैसला इसलिए लिया था, ताकि दरबारगढ़ पैलेस को नजरबाग पैलेस से जोड़ा जा सके.
युद्ध स्तर पर चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन
रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ की 5 टीम, एसडीआरएफ की 6 प्लाटून, वायुसेना की एक टीम, सेना के दो कॉलम और नौसेना की दो टीमें लगी हैं. इनके अलावा स्थानीय लोग भी रेस्क्यू ऑपरेशन में साथ दे रहे हैं.