
राहुल गांधी के बाद अब आरजेडी नेता और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ भी गुजरात में मानहानि का मुकदमा दर्ज हुआ है. मोदी सरनेम को लेकर एक और जहां राहुल गांधी दो साल की सजा के बाद अब गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे हैं तो वहीं बुधवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ अहमदाबाद की मेट्रोपोलिटन मेजिस्ट्रेट की कोर्ट में गुजरातीयों को ठग कहने के मामले में मानहानि का मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में अगली सुनवाई 1 मई को होगी.
दरअसल, तेजस्वी यादव ने कहा था, "आज देश के जो हालत हैं, उसमें गुजराती ही ठग हो सकते हैं. ये ठग बैंक का पैसा, एलआईसी का पैसा लेकर भाग जाते हैं तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है. ये बीजेपी वाले भाग जाएंगे तो क्या करेंगे. बहुत लोग हैं जो भष्ट्राचार कर रहे हैं, लेकिन उनके खिलाफ तोता बाहर नहीं निकलता है." तेजस्वी ने अपने बयान में सीबीआई और ईडी को तोता कहा था.
इन धाराओं के तहत केस दर्ज
बता दें कि अहमदाबाद की मेट्रोपोलिटन कोर्ट में हरेश मेहता नाम के व्यापारी ने शिकायत दर्ज कराई है. मेहता ने अपनी शिकायत में जिक्र किया है कि उन्होंने न्यूज में इस बयान को देखा था, जिसमें गुजराती अस्मीता को ठेस पहुंचाने की बात भी कही गई है. तेजस्वी यादव के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत केस दर्ज किया गया है. कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 1 मई की तारीख रखी है. माना जा रहा है कि कोर्ट इसी दिन तेजस्वी यादव को समन जारी कर पेश होने के लिए कह सकती है.
23 मार्च को राहुल गांधी को सुनाई गई थी सजा
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक में एक रैली के दौरान 'मोदी सरनेम' को लेकर बयान दिया था. इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था. चार साल बाद 23 मार्च को सूरत की निचली अदालत ने राहुल को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी. उन्होंने सजा के खिलाफ सूरत कोर्ट में अपील दायर की थी, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई. इसके बाद राहुल ने गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
राहुल की संसद सदस्यता हुई रद्द
इसके बाद जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत लोकसभा सचिवालय की ओर से राहुल की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई थी. राहुल केरल के वायनाड से सांसद थे. दरअसल, जनप्रतिनिधि कानून में प्रावधान है कि अगर किसी सांसद और विधायक को किसी मामले में 2 साल या उससे ज्यादा की सजा होती है, तो उनकी सदस्यता (संसद और विधानसभा से) रद्द हो जाती है. इतना ही नहीं सजा की अवधि पूरी करने के बाद छह वर्ष तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य भी हो जाते हैं.