
बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट कर 80 लाख रुपये ऐंठने के मामले में अहमदाबाद साइबर क्राइम ने ताइवान के 4 आरोपियों समेत अब तक कुल 17 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया हैं
अहमदाबाद के सीनियर सिटीजन को ठगों ने डिजिटल अरेस्ट करके 10 दिनों तक अलग-अलग फोन से डरा धमकाकर 80 लाख रुपये की ठगी की थी. ठगों ने खुद को TRAI का अधिकारी बताकर सीनियर सिटीजन से कहा था कि उनका मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट का इस्तेमाल गैरकानूनी कामों में हुआ है. जिसको लेकर मुंबई के पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज हुई है. जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा. सीनियर सिटीजन ने डरकर ठगों को 80 लाख रुपये दिए थे,यह रुपये ठगों ने बाद में लौटाने का भी कहा था. लेकिन पैसे ऐंठने के बाद ठगों ने अपना फोन बंद कर लिया. इसके बाद सीनियर सिटीजन को अपने साथ ठगी होने का एहसास हुआ और साइबर क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई थी.
अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के जेसीपी शरद सिंघल ने कहा, इन ठगों ने देश में कई लोगों को डिजिटल अरेस्ट करके ठगा है. इस मामले में साइबर क्राइम टीम ने धोखाधड़ी मामले में इस्तेमाल होने वाले अकाउंट के खाताधारक भावेश सुथार को गिरफ्तार करके पूछताछ की तो इस केस में वडोदरा का नेटवर्क सामने आया था.
इसके बाद 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया, उन्हें कमीशन मिलता था. जिसके बाद प्रवीण पंचाल को गिरफ्तार किया गया तो नई दिल्ली के सैफ हैदर उर्फ सैम सिद्दीकी का नाम सामने आया.
जेसीपी शरद सिंघल ने कहा, दिल्ली में छापेमारी के दौरान हमें इस ठगी मामले में अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का पता चला जो 4 ताइवानी नागरिकों द्वारा ऑपरेट हो रहा था.
जेसीपी शरद सिंघल ने कहा, इस मामले में हमने अब तक अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, लिमड़ी, दिल्ली, मुंबई, कटक, बेंगलुरु और राजस्थान के डूंगरपुर में रेड कर आरोपियों को गिरफ्तार किया हैं. साइबर क्राइम ने वडोदरा, दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु के चार डार्क रूम भी हाथ लगे है. इन्हें डेवलप करने वाले मुख्य आरोपी ताइवान के मुची संग उर्फ मार्क को दिल्ली की ताज होटल से गिरफ्तार किया गया है.
जेसीपी शरद सिंघल ने कहा, आरोपियों ने भारत में ठगी का कारोबार चलाने के लिए 4 साल तक रिसर्च किया है. जिसके बाद डिजिटल अरेस्ट, गेमिंग जोन के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी की गई है.
NCRB पोर्टल के मुताबिक इन सभी आरोपियों के खिलाफ देशभर में 450 से अधिक केस दर्ज है. अन्य एजेंसियों को भी इसकी जानकारी दी गई है, जिसके बाद केसों की संख्या 1,000 के पार जा सकती है.
4 ताइवानी समेत 17 आरोपी ठगी का अलग-अलग मॉड्यूल चलाते थे. वडोदरा में सिम कार्ड प्रोवाइड करने का काम हुआ करता था. वहां से 500 से अधिक सिम कार्ड बरामद किए हैं. बाकी अलग-अलग सेंटर से सिम कार्ड हाथ लगे हैं. तीन बड़े कॉल सेंटर जो मुंबई, बेंगलुरु और एक वडोदरा में चल रहे थे. एक मशीन सेटअप करके ठगी के पैसे क्रिप्टो में कन्वर्ट करने और एक से दूसरे खाते में भेजने के लिए एप्लीकेशन ताइवान के आरोपियों ने बनाई थी. एक ताइवान के आरोपी ने हिमाचल से ग्रेजुएशन किया है तो मुख्य आरोपी मार्क ने कंप्यूटर साइंस में मास्टर्स किया हुआ है. मार्क ने कंपनी शुरू की थी, जो इलीगल एक्टिविटी करने वालों के लिए एप्लीकेशन बनाती है.
अहमदाबाद साइबर क्राइम को जांच के दौरान पता चला है कि, आरोपियों का रोजाना का टर्नओवर 2 करोड़ रुपये तक का था. ताइवानी ठगो ने नेटवर्क बढ़ाकर यह टर्नओवर 10 करोड़ तक ले जाने का लक्ष्य रखा था. जिसको लेकर ताइवानी ठगो ने बेंगलुरु में अपने साथियों से मुलाकात भी की थी. अब तक अहमदाबाद साइबर क्राइम ने 4 ताइवानी समेत कुल 17 आरोपियों को गिरफ्तार करके 12,75,000 नगद, 761 सिम कार्ड, 120 मोबाइल, 96 चेकबुक, 92 डेबिट/ क्रेडिट कार्ड, 48 चेक, 42 पासबुक, 32 यूएसबी चार्जिंगहब, 3 दुबई के मेट्रो कार्ड, 2 सीपीयू, 26 कंप्यूटर, 7 लैपटॉप और 2 राउटर बरामद किए है.