
गुजरात में हिंदी भाषियों के खिलाफ हिंसा को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे ठाकोर सेना के सुप्रीमो और राधनपुर से कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर ने लोगों के बीच शांति और सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए गुरुवार को एक दिन का उपवास रखा.
इसकी शुरुआत उन्होंने महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम से बापू को प्रणाम करके की. गांधी आश्रम में समर्थकों के साथ पहुंचे अल्पेश ठाकोर ने कहा कि गुजरात में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है.
उन्होंने दावा किया कि प्रवासियों के खिलाफ कुछ लोगों ने कुछ कहा होगा, लेकिन असली दोषी वह हैं जिन्होंने पूरे मुद्दे का राजनीतिकरण किया. साबरकांठा जिले में 28 सितंबर को 14 महीने की बच्ची से रेप की घटना और इस अपराध के लिए बिहार के एक मजदूर को गिरफ्तार किए जाने के बाद से गुजरात के छह जिलों में हिंदी भाषी लोगों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं हुई हैं.
हमलों के बाद 60 हजार से अधिक प्रवासियों को गुजरात से पलायन करना पड़ा, जिनमें अधिकतर उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश के हैं. अपने आवास के पास सद्भावना उपवास पर लोगों को संबोधित करते हुए ठाकोर ने कहा कि नफरत फैलाने में वह कभी भी संलिप्त नहीं रहे.
कांग्रेस विधायक ने कहा, नफरत फैलाने में मैं कभी संलिप्त नहीं रहा. मैं उस तरह का व्यक्ति नहीं हूं. अल्पेश ने कहा कि हम दिल के सच्चे हैं. यह संभव है कि किसी ने कुछ (प्रवासियों के खिलाफ) कहा हो लेकिन हम किसी के प्रति दुर्भावना नहीं रखते. अल्पेश ने कहा कि कुछ लोग इस मुद्दे को लेकर राजनीति कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, हम सबको सुनिश्चित करना चाहिए कि गुजरात की छवि खराब ना हो. कोई भी प्रवासी नहीं है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं. यह देश को तोड़ने की कोशिश है.