
गुजरात चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी एक-दूसरे पर हमलावर हैं. कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार को रोजगार-किसान-पाटीदार के मुद्दे पर घेरना चाहती है तो वहीं बीजेपी भी कांग्रेस पर पलटवार कर रही है. लेकिन इस गुजरात चुनाव में आतंकवाद एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है. पहले गुजरात के सीएम विजय रूपाणी ने कांग्रेस नेता अहमद पटेल पर आरोप लगाया था, अब अहमद पटेल ने भी पलटवार किया है.
पहले रूपाणी ने किया था वार
गुजरात सीएम विजय रूपाणी ने अहमद पटेल पर आरोप लगाया था कि गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) की ओर गिरफ्तार आईएस आतंकी उनके संरक्षण वाले अस्पताल में नौकरी करते थे. मामले को लेकर उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी और अहमद पटेल से इस्तीफा मांगा है.
गौरतलब है कि हाल ही में गुजरात एटीएस ने आईएस के दो आतंकियों को गिरफ्तार किया था. हालांकि, अस्पताल की ओर से कहा गया था कि अहमद पटेल ने 2014 में इस्तीफा दे दिया था. खुद अहमद पटेल ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया था.
कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने बुधवार को एक रैली के दौरान कहा कि भोपाल में जो आतंकी गिरफ्तार हुए थे, उनमें से एक सदस्य का सीधा कनेक्शन बीजेपी के साथ था. आपको बता दें कि फरवरी में मप्र एटीएस ने अवैध टेलीफोन एक्सचेंज मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया था, उनमें से एक बीजेपी आईटी सेल का सदस्य ध्रुव सक्सेना था. इन सभी का सीधा कनेक्शन पाकिस्तान जांच एजेंसी ISI से था. उस दौरान उस व्यक्ति कई फोटो सोशल मीडिया में वायरल हुई थी, जिनमें वह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ मंच पर खड़ा हुआ था.
गुजरात में आर-पार
साफ है कि जिस तरह से गुजरात में चुनावों की तारीख नजदीक आ रही है आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला लगातार बढ़ रहा है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी बुधवार को मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने गुजरात में सिर्फ 5-6 उद्योगपतियों की ही मदद की है जबकि किसान और गरीब रो रहा है. राहुल ने ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस पर आई वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट को भी आड़े हाथों लिया.