
गुजरात के भरूच जिले की एक सोसायटी को लेकर दावा किया गया है कि उसके मुस्लिम बहुल होने की वजह से हिंदू अपना घर बेचने के लिए विवश हो गए और साथ ही जलाराम बापा के मंदिर पर भी बिक्री का बोर्ड लगा दिया. मंदिर के बोर्ड पर लिखा गया है कि मंदिर को बेचना है. दरअसल, यह पूरा इलाका पिछले कई सालों से अशांत धारा के तहत आता है.
इस पूरे इलाके में 30 हिंदू घर हैं, जिसमें से अब तक कई मुस्लिमों को बेचे जा चुके हैं. लोगों ने इस बिक्री को रोकने के लिए इस तरह के बोर्ड लगा दिए हैं. यहां रहने वाले मेहुल पटेल का कहना है कि डिस्टर्ब एरिया होने के बावजूद भी बिना अनुमति के घर बेचे जा रहे हैं. वह भी दूसरे समुदाय के लोगों को. स्थानीय लोगों का सवाल है कि कई घरों को मुस्लिमों को बेचा गया है.
गुजरात में साल 2002 के दंगों के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने डिस्टर्ब एरिया कानून पेश किया था. वहीं, साल 2019 में भरूच में अशांत धारा कानून लागू किया गया. इसके अनुसार, किसी भी समुदाय के इलाके में दूसरी कम्युनिटी के लोगों को घर या प्रॉपर्टी खरीदनी है तो उसके लिए कलेक्टर की इजाजत चाहिए.
एसडीएम का कहना है कि इन प्रॉपर्टीज को प्रशासन की जानकारी के बगैर बेचा गया है. इस पूरे मामले की जांच पुलिस प्रशासन से करवाई जा रही है. साल 2020 में नया नोटिफिकेशन आया है. उसी रिवाइज नोटिफिकेशन से प्रॉपर्टी सेल हुई है, उसे अब कैंसिल करने की प्रक्रिया जारी है.
भरूच में कुल 40 इलाकों को अशांत धारा के तहत रखा गया है. ऐसे में बिना प्रशासन की अनुमति के एक कम्युनिटी के लोग दूसरी कम्युनिटी को घर नहीं बेच सकते हैं. अब स्थानीय कम्युनिटी के लोग दूसरे समुदाय के प्रॉपर्टी खरीदने को लेकर परेशान हैं. उसे लेकर विरोध जता रहे हैं.