Advertisement

गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में बढ़ी टेंशन, दो मंत्रियों से छीना प्रभार

गुजरात में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. इस बार भाजपा को कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी से भी कड़ी चुनौती मिल रही है. इसलिए बीजेपी विपक्षियों को कोई भी मौका देने के मूड में नहीं है. इसी कड़ी में राजस्व मंत्री के साथ ही सड़क और भवन निर्माण मंत्री से उनका प्रभार छीनकर किसी और को देने का फैसला किया गया है.

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल (File Photo) गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल (File Photo)
गोपी घांघर
  • ,
  • 20 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 7:52 AM IST

चुनावी साल में गुजरात की राजनीति में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं. गुजरात की भाजपा सरकार ने शनिवार रात कैबिनेट में बड़े बदलाव करते हुए राजस्व मंत्री और सड़क एवं भवन मंत्री से उनका प्रभार वापस लेकर दूसरे मंत्रियों को सौंप दिया है.

जानकारी के मुताबिक राजेंद्र त्रिवेदी से राजस्व मंत्रालय लेकर इसका चार्ज गृहमंत्री हर्ष संघवी को सौंपा गया है. वहीं, सड़क और भवन मंत्रालय पुर्णेश मोदी से वापस लेकर इसका चार्ज जगदीश पंचाल को दिया गया है.

Advertisement

सूत्रों के मुताबिक दोनों ही मंत्रियों पर भष्ट्रचार के आरोप लगने की आशंका थी, इससे पहले ही सरकार ने उनसे उनके विभाग छीन लिए. हालांकि, आधिकारिक तौर पर ज्यादा विभाग होने के कारण विभाग कम करने की बात कही जा रही है.

दरअसल, इस बार चुनावी मैदान में आम आदमी पार्टी भी है. इसलिए भाजपा फूंक-फूंक कर कदम रख रही है. पार्टी बिल्कुल नहीं चाहती है कि उनके किसी भी मंत्री पर किसी तरह के आरोप लगें. इससे चुनाव में नुकसान हो सकता है. वहीं, अरविंद केजरीवाल इसे मुद्दा बना सकते हैं. 

दरअसल, राजेन्द्र त्रिवेदी के पास राजस्व मंत्रालय के अलावा कानून मंत्रालय भी था. फिलहाल उनसे राजस्वा मंत्रालय की जिम्मेदारी ले ली गई है. बता दें कि गुजरात चुनाव को 4 महीने से भी कम समय बचा है.

बता दें कि पहले ही बिलकिस बानो के दोषियों की रिहाई को लेकर गुजरात की भाजपा सरकार विपक्ष के निशाने पर है. इस मामले पर भाजपा का कोई भी नेता आधिकारिक बयान देने से बच रहा है. हालांकि, मामले के सभी 11 दोषियों की रिहाई के बाद गोधरा के बीजेपी विधायक सीके राउलजी ने चौंकाने वाला बयान दिया था.

Advertisement

उन्होंने कहा था कि बिलकिस रेप केस के कुछ दोषी 'ब्राह्मण' हैं, जिनके अच्छे 'संस्कार' हैं. उन्होंने कहा था कि उन्हें नहीं पता कि 15 साल से ज्यादा समय के बाद जेल से रिहा किए गए दोषी अपराध में शामिल थे या नहीं. सीके राउलजी दोषियों की सजा माफ करने वाली सरकारी समिति का हिस्सा भी थे.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement