Advertisement

बिलकिस केस में दोषियों को रिहा करने की सिफारिश करने वाली कमेटी में बीजेपी के 2 विधायक समेत 4 नेता

गुजरात के गोधरा में 2002 में दंगों के बाद बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप हुआ था. उसके परिवार के 7 लोगों की हत्या भी कर दी गई थी. इस केस में 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा हुई थी. अब गुजरात सरकार ने एक कमेटी की सिफारिश पर सभी दोषियों को रिहा कर दिया.

बिलकिस बानो केस में सभी 11 दोषी रिहा. बिलकिस बानो केस में सभी 11 दोषी रिहा.
गोपी घांघर
  • अहमदाबाद,
  • 18 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 1:44 PM IST

गुजरात का बिलकिस बानो गैंगरेप केस एक बार फिर चर्चा में बना हुआ है. 2002 में गुजरात में बिलकिस बानो के साथ हुए गैंगरेप और उसके परिवार की हत्या के मामले में सभी 11 दोषियों को रिहा करने के फैसले को लेकर गुजरात सरकार पर सवाल खड़े हो रहे हैं. अब गुजरात सरकार की वह कमेटी भी सवालों में आ गई है, जिसकी सिफारिश पर इन 11 दोषियों को रिहा करने का फैसला किया गया है. 

Advertisement

दरअसल, गुजरात के गोधरा में 2002 में दंगों के बाद बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप हुआ था. उसके परिवार के 7 लोगों की हत्या भी कर दी गई थी. इस मामले में 2008 में 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. इन दोषियों में से एक ने रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. कोर्ट ने रिहाई का फैसला गुजरात सरकार पर छोड़ दिया था. गुजरात सरकार ने रिहाई से जुड़ा फैसला लेने के लिए एक कमेटी बनाई थी. इस कमेटी की रिपोर्ट पर ही सभी दोषियों को रिहा किया गया है. 

सवालों में आई गुजरात सरकार की कमेटी

ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर इस कमेटी में कौन कौन था, जिन्होंने बिलकिस बानो जैसे चर्चित केस में दोषियों को छोड़ने की सिफारिश की. बताया जा रहा है कि इस कमेटी में बीजेपी के 2 विधायक भी शामिल थे. ऐसे में विपक्ष सवाल उठा रहा है कि क्या ऐसी कमेटियों में जनप्रतिनिधियों को भी शामिल किया जा सकता है?

Advertisement

दोषियों को छोड़ने की सिफारिश करने वाली कमेटी में कौन कौन था?

1- पंचमहल कलेक्टर सुजान मायात्रा (कमेटी के अध्यक्ष)
2- पंचमहल एसपी
3- सुमन चौहान (कालोल से बीजेपी विधायक)
4- सी के राउलजी (गोधरा से बीजेपी विधायक)

सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर कमेटी में इन्हें किया गया शामिल 

5- मुरली मुलचंदानी -  बीजेपी नेता
6- स्नेहा भाटिया- ( गोधरा अध्यक्ष महिला मोर्चा बीजेपी)
7- जेल आईजी
8- जेल सुपरिटेंडेंट
9- सरकारी वकील- राकेश ठाकोर 
10- दो गृह मंत्रालय के अधिकारी

क्या है मामला?

27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस के कोच को जला दिया गया था. इस ट्रेन से कारसेवक अयोध्या से लौट रहे थे. इससे कोच में बैठे 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी. इसके बाद गुजरात में दंगे भड़क गए थे. दंगों की आग से बचने के लिए बिलकिस बानो अपनी बच्ची और परिवार के साथ गांव छोड़कर चली गई थीं. 

बिलकिस बानो और उनका परिवार जहां छिपा था, वहां 3 मार्च 2002 को 20-30 लोगों की भीड़ ने तलवार और लाठियों से हमला कर दिया. भीड़ ने बिलकिस बानो के साथ बलात्कार किया. उस समय बिलकिस 5 महीने की गर्भवती थीं. इतना ही नहीं, उनके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या भी कर दी थी. बाकी 6 सदस्य वहां से भाग गए थे.

Advertisement

इस मामले में सीबीआई कोर्ट ने 11 को दोषी ठहराया था और उम्रकैद की सजा सुनाई थी. लेकिन अब गुजरात सरकार के फैसले के बाद सभी 11 दोषी रिहा हो गए. इस मामले में जिन दोषियों को रिहाई मिली है, उनमें जसवंतभाई नाई, गोविंदभाई नाई, शैलेष भट्ट, राधेश्याम शाह, बिपिन चंद्र जोशी, केसरभाई वोहानिया, प्रदीप मोरधिया, बाकाभाई वोहानिया, राजूभाई सोनी, मितेश भट्ट और रमेश चंदाना शामिल हैं.

 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement