Advertisement

अरबपति व्यापारी की गोल्ड मेडलिस्ट बेटी लेगी संन्यास, बनेंगी जैन भीक्षु

राजस्थान के पाली जिले के अरबपति परिवार से ताल्लुक रखने वाली गोल्ड मेडेलिस्ट डॉक्टर हिना हिंगड़ ने सांसारिक सुखों का त्याग करते हुए जैन दीक्षा लेने का फैसला लिया है. 28 वर्षीय हिना पेशे से फिजीशियन हैं और पिछले तीन साल से अस्पताल मे प्रैक्टिस कर रही है. ऐशो आराम की जिंदगी बसर करने वाली हिना पिछले 12 साल से अपने परिवार को जैन दीक्षा लेने के लिए राजी करने की कोशिश कर रही थी. लिहाजा परिवार की स्वीकृति मिलने के बाद 18 जुलाई को अपने गुरू से दीक्षा ग्रहण करेंगी.

हिना हिंगड़ हिना हिंगड़
विवेक पाठक/गोपी घांघर
  • अहमदाबाद,
  • 16 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 11:32 PM IST

राजस्थान के पाली जिले के अरबपति परिवार से ताल्लुक रखने वाली गोल्ड मेडलिस्ट डॉक्टर हिना हिंगड़ ने सांसारिक सुखों का त्याग करते हुए जैन दीक्षा लेने का फैसला लिया है. 28 वर्षीय हिना पेशे से फिजीशियन हैं और पिछले तीन साल से अस्पताल मे प्रैक्टिस कर रही हैं. ऐशो आराम की जिंदगी बसर करने वाली हिना पिछले 12 साल से अपने परिवार को जैन दीक्षा लेने के लिए राजी करने की कोशिश कर रही थीं. लिहाजा परिवार की स्वीकृति मिलने के बाद 18 जुलाई को अपने गुरु से दीक्षा ग्रहण करेंगी.

Advertisement

डॉक्टर हिना हिंगड़ का परिवार मूलत: राजस्थान के पाली जिले का रहने वाला है. लेकिन पिछले 5 वर्षों से मुंबई के बोरिवली इलाके में रहता है. पेशे से हिंगड़ परिवार का यार्न का बड़ा कारोबार है. इस अरबपति औद्योगिक परिवार से ताल्लुक रखने वाली डॉक्टर हिना हिंगड़ का कहना है कि अपनी पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने फैसला ले लिया था कि उन्हें सांसारिक सुखों का त्याग कर आध्यात्मिक संयम का रास्ता अपनाना है. लेकिन परिवार के अन्य सदस्यों को हिना के इस फैसले पर ऐतराज था. हिना कई सालों से परिवार को मनाने की कोशिश कर रही थीं जो अब जाकर कामयाब हुई है.

डॉक्टर हिना हिंगड़ 18 जुलाई को जैन दीक्षा लेने के लिए मुंबई से सूरत पहुंच चुकी हैं. हिना के साथ उनकी मां और छोटी बहनें भी आई हैं. उनके परिवार के लोगों का कहना है कि यह वक्त वह हिना के साथ गुजारना चाहेंगे, क्योंकि दीक्षा लेने के बाद हिना से मिलना आसान नहीं होगा.

Advertisement

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब किसी संभ्रांत परिवार का कोई सदस्य ऐशो आराम का त्याग कर एक संन्यासी का जीवन जीने का फैसला लिया है. इससे पहले गुजरात के एक बड़े हीरा कारोबारी के 7 वर्षीय बेटे भव्य साचवानी भी जैन भिक्षु बने थें. वहीं पिछले साल ही अहमदाबाद के 17 वर्षीय वर्शील शाह भी जैन भीक्षु बने थे. पढ़ाई लिखाई मे अव्वल वर्शील को इंटरमीडिएट की परिक्षा मे 99.9 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए थे. वर्शील के इस फैसले ने तब सभी को चौंका दिया था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement