गुजरात निकाय चुनाव: BJP ने दबंग विधायक के बेटे को नहीं दी टिकट तो हुई बगावत, निर्दलीय नामांकन भरा

वाघोडिया विधानसभा के दबंग विधायक मधु श्रीवास्तव वार्ड नंबर 15 से अपने बेटे का निर्दलीय नामांकन भरवाने पहुंचे. अपने समर्थकों के साथ उम्मीदवारी पत्र भरने पहुंचे दीपक ने बीजेपी को हराने के की बात भी कही.

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बीजेपी विधायक मधु श्रीवास्तव और उनके बेटे दीपक श्रीवास्तव बीजेपी विधायक मधु श्रीवास्तव और उनके बेटे दीपक श्रीवास्तव
गोपी घांघर
  • वडोदरा,
  • 06 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 9:42 PM IST
  • बीजेपी विधायक का बेटा पहले भी निर्दलीय चुनाव जीता है
  • टिकट नहीं मिली तो फिर निर्दलीय भरा नामांकन
  • बीजेपी को हराने का कर दिया है ऐलान

गुजरात वाघोडिया विधानसभा के दबंग विधायक और बीजेपी नेता मधु श्रीवास्तव के बेटे दीपक श्रीवास्तव को बीजेपी ने टिकट नहीं दिया है. बीजेपी की नई गाइडलाइन की वजह से स्थानीय निकाय चुनाव में दीपक श्रीवास्तव को टिकट नहीं दिया गया है. इस बात से नाराज विधायक ने अपने बेटे का निर्दलीय ही नामांकन करवा दिया है.

बीजेपी के दबंग विधायक मधु श्रीवास्तव और उनके बेटे ने अब खुलकर विद्रोह शुरू कर दिया है. शनिवार के दिन विधायक मधु श्रीवास्तव वार्ड नंबर 15 से अपने बेटे का नामांकन भरवाने पहुंचे. अपने समर्थकों के साथ उम्मीदवारी का फॉर्म भरने पहुंचे दीपक ने बीजेपी को हराने की बात भी कही.

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आपको बता दें कि विधायक मधु श्रीवास्तव ने दावा किया था कि वे पिछले दरवाजे से अपने बेटे को टिकट दिलवा देंगे. उन्होंने कहा था कि ''दीपक भाजपा से फार्म भरेंगे, भले ही उनका नाम पार्टी की सूची में नहीं था.'' लेकिन पार्टी से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर दीपक ने निर्दलीय के रूप में लड़ने की घोषणा की है. इस मौके पर दीपक ने कहा, “मैं भाजपा को हरा दूंगा और जीत जाऊंगा.”

गौरतलब है कि दीपक पहले भी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में निकाय चुनाव जीत चुके हैं. दीपक श्रीवास्तव ने साल 2015 में वार्ड नंबर 15 से ही बीजेपी के टिकट पर वडोदरा नगर निगम चुनाव जीता था, लेकिन नए नियमों के चलते उन्हें टिकट नहीं दिया गया. मधु श्रीवास्तव ने कहा कि ''दीपक की जगह पर टिकट पाने वाला उम्मीदवार 302 यानी हत्या का आरोपी है.''

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मधु श्रीवास्तव ने आज तक से कहा, ''अब जब नए लोग पार्टी में शामिल हो गए हैं और पार्टी में सुधार करने की कोशिश कर रहे हैं, तो इसका विरोध नहीं कर सकता हूं. लेकिन थोड़ी नाराजगी जरूर है. मेरा बेटा पहले निर्दलीय चुनाव जीत चुका है. मेरे बेटे ने सबसे बड़ी लीड के साथ कामयाबी हासिल की थी, उसके बाद भी भाजपा ने टिकट नहीं दिया है.''

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