
गुजरात में हमेशा भाजपा ने नो रिपीट थ्योरी पर ध्यान दिया है. चाहे वह नगर निगम की बात हो विधानसभा हो या फिर लोकसभा हो. 2021 में हुए नगर निगम चुनाव में 3 टर्म से ज्यादा वालो को टिकट न देने के फैसले के बाद इसबार सभी नगर निगमों मे मेयर से लेकर शासक पक्ष के नेता तक नो रिपोर्ट थ्योरी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने लागू की है.
प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद सीआर पाटील ने सभी चुनाव में कड़े फैसले लेकर पार्टी को नई दिशा दी थी. इस बार भी नगर निगमों मे ढाई साल पूर्ण होने के बाद रोटेशन के तहत पूरी टीम के लिए नो रिपीट थ्योरी लागू कर दी. मेयर के अलावा स्टेंडिंग कमिटि के चेयरमैन, डेप्युटी मेयर और शासक पक्ष के नेता भी बदले गए.
आम तौर पर अच्छा काम करने वाले लोगों को रिपीट किया जाता है, पर सभी नगर निगमों मे भाजपा को बम्पर जीत मिली थी और पार्षदों की संख्या 70% से ज्यादा होने के कारण पार्टी नए लोगों को मौका देना चाहती है. जिसकी वज़ह से नो रिपीट थ्योरी लागू की गई.
अहमदाबाद में कौन बना मेयर
अहमदाबाद में प्रतिभा जैन को मेयर बनाया गया. जो पिछले तीन टर्म से पार्षद हैं, वह राजस्थानी जैन समाज का प्रतिनिधित्व करती हैं. मेयर बनने से पहले वह महिला-बाल कल्याण समिति की चैयरमैन थी.
वडोदरा में पिंकी सोनी को मेयर बनाया गया, जो शहर की चौथी महिला मेयर है. चौंकाने वाली बात यह है कि पिंकी सोनी पहली बार पार्षद बनी है और सीधी मेयर बनी. उन्होंने साल 2017 में भाजपा ज्वाइन की थी और 2021 में नगर निगम का चुनाव लड़ा.
राजकोट में नैनाबेन पेढ़डीया नई मेयर बनी हैं जो पाटीदार समाज से आती हैं और पहले राजकोट भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष रह चुकी हैं.
सूरत में दक्षेस मावानी मेयर बने. लंबे समय से भाजपा में कार्यरत दक्षेस मावानी मूल सौराष्ट्र से आते हैं और हमेशा सूरत में एक टर्म मूल सौराष्ट्र के व्यक्ति को मेयर बनाया जाता है. मावानी इससे पहले भी पार्टी मे अलग अलग पदों पर काम कर चुके हैं.