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अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में ब्रेन डेड मरीज किया गया अंगदान, परिजनों ने दान किए दिल और किडनी

अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में एक ब्रेन डेड मरीज का अंगदान किया गया. वटवा में रहने वाले ब्रेन डेड मरीज इंद्रजीत सिंह राजपूत के हृदय और दोनों किडनी का अंगदान किया गया. अंगदान से प्राप्त हुआ हृदय ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से अहमदाबाद के सिम्स अस्पताल में पहुंचाया गया. वहीं दोनों किडनी मेडिसिटी के किडनी अस्पताल में मरीजों का ट्रांसप्लांट कर तीन लोगों को नया जीवन प्रदान किया गया.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
अतुल तिवारी
  • अहमदाबाद,
  • 05 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:34 PM IST

अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में एक ब्रेन डेड मरीज का अंगदान किया गया. वटवा में रहने वाले ब्रेन डेड मरीज इंद्रजीत सिंह राजपूत के हृदय और दोनों किडनी का अंगदान किया गया. अंगदान से प्राप्त हुआ हृदय ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से अहमदाबाद के सिम्स अस्पताल में पहुंचाया गया. वहीं दोनों किडनी मेडिसिटी के किडनी अस्पताल में मरीजों का ट्रांसप्लांट कर तीन लोगों को नया जीवन प्रदान किया गया.

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अहमदाबाद सिविल अस्पताल में गुरुवार को 164वां अंगदान हुआ. वटवा में रहने वाले इंद्रजीत सिंह राजपूत का 31 अगस्त को नारोल में एक्सीडेंट हुआ था जिसमें उनके माथे पर गंभीर चोट आई थी. इसके बाद इंद्रजीत सिंह राजपूत को इलाज के लिए मणिनगर स्थित एलजी अस्पताल में ले जाया गया. जहां से 1 सितंबर को अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में आगे के इलाज के लिए उन्हें शिफ्ट किया गया. 

4 सितंबर को घोषित किया गया ब्रेन डेड

इलाज के दौरान सिविल अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा इंद्रजितसिंह राजपूत को 4 सितंबर के दिन ब्रेन डेड घोषित किया गया था. इंद्रजीत सिंह राजपूत को ब्रेन डेड घोषित करने के बाद उनके परिवार के सदस्यों को अंगदान के लिए समझाकर प्रेरित किया गया. ब्रेन डेड इंद्रजीत सिंह राजपूत की पत्नी, भाई, भाभी और साले समेत परिवार के सदस्यों की अनुमति के बाद हृदय और दोनों किडनी के दान का फैसला लिया गया.

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'अब तक 514 लोगों को मिला नया जीवन'
 
164वें अंगदान के बारे में जानकारी देते हुए सुपरिटेंडेंट डॉक्टर राकेश जोशी ने कहा, 'कोई जीवित शख्स हृदय और फेफड़ों का दान नहीं कर सकता. ऐसे में हृदय ट्रांसप्लांट की आवश्यकता वाले मरीजों के लिए जरूरी है कि कोई ब्रेन डेड व्यक्ति के माध्यम से हृदय मिले.' 

उन्होंने कहा, 'यह 50वां मौका है जब हमें हृदय अंगदान के स्वरूप में प्राप्त हुआ है. अब तक हुए 164 अंगदान के जरिए 530 अंग दान के रूप में प्राप्त हो पाए हैं. जिनके माध्यम से 514 लोगों को अब तक नया जीवन देने में सफलता हासिल हुई है.'

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