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अहमदाबाद के बोडकदेव में रहने वाले स्टील कारोबारी को फेसबुक पर एक अज्ञात महिला की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करना भारी पड़ गया. इस दोस्ती की आड़ में महिला ने व्यापारी से 1.92 करोड़ रुपये निवेश करवाकर साइबर ठगी को अंजाम दिया. अहमदाबाद साइबर क्राइम पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
जानकारी के मुताबिक, 48 वर्षीय सुमित ग्रोवर अहमदाबाद में 'विनोद इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड' नाम से स्टील का कारोबार करते हैं. और वे एंटरप्रेन्योरशिप में पीएचडी कर चुके हैं. अगस्त 2024 में फेसबुक पर 'किरा शर्मा' नामक महिला की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने के बाद इस जाल में फंस गए. पहले तो दोनों के बीच सामान्य बातचीत हुई. किरा ने खुद को दुबई में जिम इक्विपमेंट की फैक्ट्री की मालिक बताया और मुंबई में भी उसका एक ऑफिस बताया.
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क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का झांसा
व्हाट्सएप नंबर एक्सचेंज होने के बाद दोनों के बीच बातचीत बढ़ती चली गई. किरा ने व्यापारी से उनका विश्वास जीतने के लिए खुद की लग्जरी लाइफस्टाइल दिखाने के लिए वीडियो कॉल किए और अपनी विभिन्न लोकेशन्स की तस्वीरें साझा कीं. कुछ समय बाद किरा शर्मा ने सुमित को बताया कि उसके चाचा जेपी मॉर्गन में एनालिस्ट हैं और उन्हें इन्वेस्टमेंट की टिप्स देते हैं, जिससे उसे अब तक करोड़ों का मुनाफा हुआ है. उसने सुमित को भी 'वेबुल' नाम की वेब-बेस्ड एप्लिकेशन में निवेश करने का सुझाव दिया.
शुरुआत में सुमित ने मात्र $500 (लगभग 42,000 रुपये) का निवेश किया. बाद में किरा ने एक स्कीम बताकर 50 हजार यूएसडीटी निवेश करने पर 20 हजार यूएसडीटी बोनस मिलने का लालच दिया. सुमित का विश्वास बढ़ाने के लिए किरा ने उनके अकाउंट में खुद 30 हजार यूएसडीटी ट्रांसफर किए, जिससे सुमित को लगा कि यह एक भरोसेमंद निवेश है. दिसंबर तक उन्होंने 1.92 करोड़ रुपये निवेश कर दिए. एप्लीकेशन पर सुमित को उनकी कुल वैल्यू 6.77 लाख यूएसडीटी (करीब 6 करोड़ रुपये) दिखाई गई, जिससे वह पूरी तरह से आश्वस्त हो गए.
ऐसे ठगी का हुआ एहसास
सुमित ने जब 77 हजार यूएसडीटी निकालने की कोशिश की, तो उनसे कहा गया कि पहले 20% टैक्स भरना होगा. जब उन्होंने कंपनी से अनुरोध किया कि टैक्स उनकी राशि में से ही काट लिया जाए, तो कोई जवाब नहीं मिला. इसी बीच किरा ने अपना पुराना व्हाट्सएप नंबर बंद कर नया नंबर इस्तेमाल करना शुरू कर दिया, जिसमें सामान्य कॉलिंग की सुविधा नहीं थी.
साइबर क्राइम पुलिस की कार्रवाई
जब सुमित को संदेह हुआ, तो उन्होंने 'वेबुल' नामक कंपनी के बारे में ऑनलाइन खोजबीन की और पाया कि यह एक साइबर ठगी का माध्यम बन चुका है. इसके बाद उन्होंने अहमदाबाद साइबर क्राइम पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई. साइबर क्राइम पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 61(2), 316(2), 318(4), 319(2) और आईटी अधिनियम की धारा 66(c), 66(d) के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है और जांच शुरू कर दी है.