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भारत में पहली बार वायुसेना के लिए तैयार होंगे C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, TATA और Airbus में डील

गुजरात के वडोदरा में भारतीय वायुसेना के लिए C-295 एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चर किए जाएंगे. टाटा की एयरबस के साथ एक डील हुई है जिसके तहत ये अत्याधुनिक एयरक्राफ्ट वायुसेना के लिए तैयार किए जाएंगे.

वायुसेना के लिए तैयार होंगे C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट वायुसेना के लिए तैयार होंगे C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 4:03 PM IST

गुजरात के वडोदरा में भारतीय वायुसेना के लिए C-295 एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चर किए जाएंगे. टाटा की एयरबस के साथ एक डील हुई है जिसके तहत ये अत्याधुनिक एयरक्राफ्ट वायुसेना के लिए तैयार किए जाएंगे. बड़ी बात ये है कि अभी तक ये एयरक्रॉफ्ट भारत में नहीं बनाए जाते थे, लेकिन पहली बार टाटा ने एयरबस के साथ डील की है जिसके तहत गुजरात की धरती पर C-295 एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चर किए जाएंगे.

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इस डील के मायने क्या हैं?

यहां ये समझना भी जरूरी है कि गुजरात के वडोदरा में एक प्लांट में ये C-295 एयरक्राफ्ट तैयार किए जाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 अक्टूबर को इस प्लांट का शिलान्यास करने जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि इस प्लांट में टाटा और एयरसब मिलकर वायुसेना के लिए कुल 40 एयरक्राफ्ट बनाएंगे, इसके अलावा जो दूसरे जरूरी इक्विपमेंट हैं, उन्हें भी इसी प्लांट में तैयार करने की तैयारी है.

जानकारी के लिए बता दें कि भारत ने पिछले साल सितंबर में 21 हजार करोड़ की एक डील की थी. उस डील के तहत एयरबस डिफेंस से भारत 56 C-295 एयरक्राफ्ट खरीदने वाली है. इसमें 16 एयरक्राफ्ट तो पूरी तरह तैयार होकर भारत को मिलने हैं, वहीं जो बचे हुए 40 एयरक्राफ्ट हैं, उनका निर्माण भारत में होना है. अब वही 40 एयरक्राफ्ट गुजरात के वडोदरा में तैयार किए जाएंगे. इससे मेक इंड इंडिया योजना को भी बल मिलने वाला है. 

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एयरक्राफ्ट की क्या खासियत?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार जिक्र कर रहे हैं कि भारत को डिफेंस के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना है, मेक इन इंडिया पर जोर देना है. इसी कड़ी में अब पहली बार एक विदेशी कंपनी भारत में ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट का निर्माण करने वाली है. इस एयरक्राफ्ट की बात करें तो इसके जरिए एक बार में 71 ट्रूप या 50 पैराट्रूपर्स को मुश्किल जगहों पर आसानी से ले जाया जा सकता है. प्राकृतिक आपदा के वक्त भी ये एयरक्राफ्ट काफी कारगर माने जाते हैं. ऐसे में रेस्क्यू ऑपरेशन में भी वायुसेना को काफी आसानी हो सकती है.

 

 

 

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