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राजकोट: 'ऑनलाइन गेमिंग बर्बाद कर देती है', भारी नुकसान से तंग 20 साल के लड़के ने दी जान

राजकोट में एक 20 वर्षीय कॉलेज छात्र ने ऑनलाइन गेमिंग में पैसे हारने के बाद आत्महत्या कर ली. सुसाइड नोट में युवक ने ऑनलाइन जुए की लत को अपनी मौत का कारण बताया और युवाओं को इससे दूर रहने का संदेश दिया. परिवार ने सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की है.

(प्रतीकात्मक फोटो) (प्रतीकात्मक फोटो)
ब्रिजेश दोशी
  • राजकोट ,
  • 22 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 4:08 PM IST

गुजरात के राजकोट में ऑनलाइन गेमिंग की लत ने एक और युवा की जान ले ली. 20 वर्षीय कृष्णा पंडित ने भारी नुकसान के बाद अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. पुलिस को मृतक के मोबाइल से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उसने ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स की लत को अपनी मौत का कारण बताया. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज मामले की जांच शुरू की. 

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कृष्णा राजकोट के एक कॉलेज में पढ़ाई कर रहा था और पढ़ाई में काफी होशियार था. सुसाइड नोट में उसने लिखा, ऑनलाइन जुआ युवाओं को मानसिक और आर्थिक रूप से बर्बाद कर देता है. मैं अपनी आत्महत्या के जरिए लोगों को यह संदेश देना चाहता हूं कि वो इस लत से दूर रहें.

ऑनलाइन गेमिंग में रुपये हारने के बाद छात्र ने की खुदकुशी 

युवक ने अपने दोस्त प्रियांश को संबोधित करते हुए यह भी लिखा, मेरी आखिरी इच्छा है कि ऑनलाइन जुआ हमेशा के लिए बंद कर दिया जाए. उसने 'स्टैक' नाम के एक ऑनलाइन गेमिंग ऐप पर अपना सारा पैसा हारने और जीने की उम्मीद खत्म होने की बात कही.

मृतक के पिता ने बताया कि उन्हें बेटे की इस लत के बारे में जानकारी नहीं थी. उन्होंने अन्य माता-पिता से अपील की कि वो अपने बच्चों पर नजर रखें और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सतर्क रहें. परिवार ने सरकार से ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की है.

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पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की

इस मामले पर एसीपी राधिका भाराई ने बताया कि गांधीग्राम पुलिस ने एक्सीडेंटल डेथ का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. फिलहाल परिवार शोक में है और आगे की पूछताछ की जा रही है.

नोट:- (अगर आपके या आपके किसी परिचित के मन में आता है खुदकुशी का ख्याल तो ये बेहद गंभीर मेडिकल एमरजेंसी है. तुरंत भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 पर संपर्क करें. आप टेलिमानस हेल्पलाइन नंबर 1800914416  पर भी कॉल कर सकते हैं. यहां आपकी पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी और विशेषज्ञ आपको इस स्थिति से उबरने के लिए जरूरी परामर्श देंगे. याद रखिए जान है तो जहान है.)

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