
अहमदाबाद की एक वीजा दिलाने वाली कंपनी के साथ ही वीजा के नाम पर फ्रॉड का मामला सामने आया है. कंपनी की ओर से सेटेलाइट पुलिस थाने में दर्ज कराई गई शिकायत में कहा गया है कि उनके साथ नोएडा की एक कंपनी ने ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड का वर्क परमिट वीजा दिलाने के नाम पर ठगी कर दी.
शिकायत के मुताबिक, वर्क परमिट वीजा दिलाने के नाम पर कंपनी से 1.44 करोड़ रुपये लिए गए. लेकिन जब वीजा नहीं मिला तो उन्हें सिर्फ 20.45 लाख रुपये ही वापस किए गए और अब बाकी 1.23 करोड़ रुपये वापस नहीं दे रहे हैं. नोएडा के वरुण कुमार, महक कुमारी और पूजा सिंह के खिलाफ 1.23 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई है.
क्या है पूरा मामला?
अहमदाबाद के रहने वाले सुभाष एक वीजा कंपनी में फ्रीलांस काम करते हैं. उनकी बहन इस कंपनी में प्रोपराइटर हैं. सुभाष उन्हें बिजनेस दिलाने का काम करते हैं. नवंबर 2023 में नोएडा की महक कुमारी ने इस कंपनी से इमेल के जरिए संपर्क किया. उनसे बातचीत के बाद दोनों कंपनियों में ऑस्ट्रेलिया के वर्क परमिट वीजा के लिए करार हुआ था. 10 लोगों के ऑस्ट्रेलिया के वर्क परमिट वीजा के लिए सबसे पहले 31.20 लाख रुपये का भुगतान किया गया, जिसमें 5-6 महीने में वीजा हो जाने की बात कही गई.
ऑफिस दिखाकर जीता भरोसा
इस दौरान 1 दिसंबर को वरुण कुमार ने सुभाष और उनके साथियों को न्यूजीलैंड के वर्क परमिट वीजा की डील करने के लिए नोएडा बुलाकर अपना ऑफिस दिखाया और कमीशन की बात करके उनका भरोसा जीता.
इसके बाद सुभाष की ओर से 19 लोगों के न्यूजीलैंड के वर्क परमिट वीजा के लिए फाइल रखी गई और उसके बदले में 1.13 करोड़ रुपये वरुण कुमार को दिए गए. वरुण कुमार की ओर से कहा गया कि 3 महीने में वीजा आ जाएंगे. फिर कहा गया कि न्यूजीलैंड में अब नियम बदल गए हैं तो थोड़ा वक्त लगेगा. इसके बाद 6 महीने बीत गए लेकिन वीजा नहीं आए.
वापस किए सिर्फ 20.45 लाख रुपये
वरुण की ओर से पूजा सिंह इन लोगों से बात करती थीं और हर बार नई तारीख देती थीं. जब सुभाष की ओर से दबाव बनाया गया तो आठ लोगों के फर्जी वर्क परमिट भेजे गए जिसे चेक किया तो पता चला कि ये फर्जी हैं. इसके बाद सुभाष ने पैसे रिफंड मांगे तो वहां से सिर्फ 20.45 लाख रुपये ही भेजे गए. बाकी के पैसे महीना बीतने के बाद भी नहीं आने की वजह से आखिरकार इन तीनों के खिलाफ सुभाष ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.