
कोरोना संकट के बीच कई ऐसे लोग भी मदद को सामने आ रहे हैं, जिनकी वजह से ये मुश्किल परिस्थिति भी हल होती दिख रही है और उम्मीद की एक किरण भी दिखाई पड़ रही है. ऐसे ही एक शख्स हैं गुजरात के उद्योगपति महेंद्र भाई रामोलिया जो अपने दूसरे साथियों संग सूरत में इस समय बड़ा अभियान चला रहे हैं. उनकी तरफ से सूरत में ऑक्सीजन के सिलेंडर मुफ्त में दिए जा रहे हैं.
सूरत का ये उद्योगपति मुफ्त में बांट रहा ऑक्सीजन सिलेंडर
सूरत में कोरोना के मामलों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. स्थिति इतनी खराब है कि कई अस्पताल में ऑक्सीजन और बेड दोनों की किल्लत होती दिख रही है. इस बीच कई लोग अपने स्तर पर ही मदद करने की कोशिश कर रहे हैं. वे अपने संसाधनों के जरिए इस संकट की घड़ी में लोगों की मुश्किलों को आसान करने का प्रयास कर रहे हैं.
इसी कड़ी में जीआईडीसी के प्रेसिडेंट महेंद्र भाई रामोलिया ने अपने सभी साथी उद्योगकारों के साथ मीटिंग की और फ़ैसला किया कि उनकी तरफ़ से शहर के ज़रूरतमंद कोरोना संक्रमित मरीज़ों को ऑक्सीजन सिलेंडर बिल्कुल फ़्री में दिया जाएगा. महेंद्र की तरफ से बताया गया है कि उनके वहां दो ऑक्सीजन प्लांट हैं और शहर में इस समय कोरोना का प्रकोप देखने को मिल रहा है, ऐसे में वे सभी जरूरमंद की जल्द से जल्द मदद करना चाहते हैं.
कौन हैं महेंद्र भाई रामोलिया?
अभी तक महेंद्र भाई रामोलिया की तरफ से 50 ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदे गए हैं, जरूरत पड़ने पर वे और सिलेंडर खरीदने की बात भी कह रहे हैं. जिस समय उनकी तरफ से पहल की शुरुआत की गई है तब सूरत में कोरोना स्थिति बद से बदतर होती दिख रही है. संक्रमित मरीजों का आंकड़ा तो लगातार बढ़ ही रहा है, इसके अलावा अब मौतों का ग्राफ भी बढ़ता दिख रहा है.
वहीं, दूसरी तरफ अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या काफी ज्यादा हो गई है, इस वजह से ऑक्सीजन से बेड तक की सुविधा करना बड़ी चुनौती साबित हो रहा है. सूरत शहर के मुख्य सरकारी नई सिविल और स्मीमेर अस्पताल में भर्ती कोरोना के मरीज़ों के ऑक्सीजन उपलब्ध करवाने के लिए प्रशासन ने जरूर बड़े बड़े ऑक्सीजन टैंक लगाए हैं, लेकिन अभी के लिए वो इंतजाम भी कम साबित हो रहे हैं और मरीजों का हाल बुरा होता दिख रहा है.
गुजरात की कोरोना स्थिति
गुजरात की कोरोना स्थिति की बात करें तो अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा सबसे ज्यादा प्रभावित बताए जा रहे हैं. स्थिति इतनी चिंताजनक है कि अहमदाबाद के अस्पतालों के बाहर अब एंबुलेंस की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं. वहीं इस महामारी से जिस अंदाज में राज्य की रूपाणी सरकार लड़ रही हैं, उससे भी गुजरात हाईकोर्ट संतुष्ट नहीं है. कोर्ट की तरफ से कहा गया है कि सरकार ने समय रहते उनके सुझावों पर काम नहीं किया और स्थिति चिंताजनक बन गई.