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गिर में सरकारी नौकरी के फर्जी नियुक्ति पत्र देकर की 1 करोड़ की ठगी, 3 आरोपी गिरफ्तार  

अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच की टीम की जांच में पता चला है कि 110 से ज्यादा AMC के बर्थ सर्टिफिकेट, वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड और बिजली के बिल के साथ-साथ फर्जी पैन कार्ड बनाए गए हैं. अब टीम जांच कर रही है कि क्या इस काम में कोई और भी उसकी मदद करता था? वहीं, गिर से फर्जी नियुक्ति पत्र बनाने का केस सामने आया है.

फर्जी दस्तावेज बनाने वाला आरोपी गिरफ्तार. फर्जी दस्तावेज बनाने वाला आरोपी गिरफ्तार.
अतुल तिवारी
  • अहमदाबाद ,
  • 02 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 10:39 PM IST

गुजरात में फर्जी डॉक्यूमेंट्स बनाने का ही नहीं, बल्कि सरकारी नौकरियों के फर्जी नियुक्ति पत्र बनाने वाले सायबर क्रिमिनल एक्टिव हैं. गुजरात के गिर सोमनाथ में क्राइम ब्रांच की टीम ने सरकारी नौकरी पाने के इच्छुक युवाओं को नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र देने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. जांच में पता चला है कि इस तरह से एक करोड़ रुपए तक की वसूली मासूम लोगों से की गई है.

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गिर-सोमनाथ के एसपी मनोहर सिंह जाडेजा ने बताया कि नियुक्ति पत्रों पर कलेक्टर, एसपी, बैंक अधिकारी के हस्ताक्षर मिले हैं. पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. तीनों आरोपी अपनी गलत पहचान देकर सरकारी नौकरी का वायदा करके लोगों से लाखों रुपए की ठगी की है. पुलिस जांच कर रही है कि इन आरोपियों के तार राज्य में किससे जुड़े हैं. क्या कोई और भी इनकी मदद कर रहा था.

फर्जी आधार, पैन और बर्थ सर्टिफिकेट बनाने वाला गिरफ्तार 

गुजरात में नकली सामानों की बिक्री तो चल ही रही थी. अह अहमदाबाद से नकली डॉक्यूमेंट्स बनाने के मामले भी सामने आ रहे हैं. फर्जी दस्तावेज बनाने वाले एक आरोपी को साइबर क्राइम की टीम ने अहमदाबाद के फतेवाड़ी इलाके से गिरफ्तार किया है. उसकी पहचान इजाज खान पठान के रूप में हुई है. 

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अहमदाबाद साइबर क्राइम को जानकारी मिली कि शहर के फतेवाड़ी इलाके की इलेक्ट्रिकल दुकान में नकली डॉक्यूमेंट्स बनाए जा रहे हैं. .साइबर क्राइम ब्रांच की टीम ने मामले की जांच की और इजाज को उसकी दुकान से फर्जी डॉक्यूमेंट के साथ गिरफ्तार कर लिया. 

10वीं तक पढ़ाई, लेकिन कंप्यूटर की अच्छी जानकारी 

गिरफ्तारी के दौरान करीब 30 नकली बिजली के बिल, इलेक्शन कार्ड और आधार कार्ड जब्त किए गए. मामले में अहमदाबाद के ACP साइबर क्राइम ब्रांच जेएम यादव ने बताया कि आरोपी इजाज खान पठान ने 10वीं तक पढ़ाई की है. उसे कंप्यूटर की अच्छी जानकारी थी. पहले वह स्विगी कंपनी में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन का काम करता था.

यू-ट्यूब से सीखा फर्जी डॉक्यूमेंट बनाने का तरीका 

उसने यूट्यूब और सोशल मीडिया वेबसाइट से नकली डॉक्यूमेंट बनाना सीखा था. वह ऐसे लोगों के लिए फर्जी दस्तावेज बनाता था, जिनके पास लोन लेने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स नहीं होते थे. लोगों की जरूरत के मुताबिक, डॉक्यूमेंट्स बनाने के लिए रुपये वसूले जाते थे. साइबर क्राइम ब्रांच की जांच में पता चला है कि 110 से ज्यादा AMC के बर्थ सर्टिफिकेट, वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड और बिजली के बिल के साथ-साथ फर्जी पैन कार्ड बनाए गए हैं. 

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