
इस साल जिन्हें पद्म श्री दिए गए उनमें गुजरात का एक खास शख्स भी शामिल था. गेनाभाई पटेल ऐसे इंसान हैं जिनके बारे में प्रधानमंत्री मोदी हों या फिर राहुल गांधी जो भी गुजरात आता है जिक्र जरूर करता है. गुजरात के गेनाभाई पटेल दिव्यांग होते हुए भी देश के किसानों के लिए एक मिशाल के तौर पर उभरे हैं.
गुजरात के बनासकांठ जिले के लाखणी के गोलिया गांव के रहने वाले दिव्यांग गेनाभाई दरधाभाई पटेल 2004-05 में डीसा में आयोजीत कृषि मेले के दौरान देश के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पहली बार मिले थे. मोदी के भाषण से प्रभावित होकर उन्होंने दो पैरों से दिव्यांग होने के बावजूद कृषि में कुछ करने की इच्छा जताई और उन्होंने आधुनिक तरीके अपना कर अनार की खेती शुरू की.
दिव्यांग होने कि वजह से हर एक पेड़ पर नजर रख पाएं इसके लिए गेनाभाई ने पूरे खेत में CCTV लगवाया. उन्होंने अनार कि फसल कुछ इस तरह खेत में लगवाई कि वे अपनी ट्रायसकल के जरिए हर एक पौधे तक पहुंच जाएं. वैज्ञानिक तरीके से खेती कर गेनाभाई ने जबरदस्त मुनाफा कमाया. अनार की खेती में जहां पहले 60000 की भी फसल नहीं होती थी, वहीं अब 4 लाख से ज्यादा कि फसल वे हर एक सीजन में लेते हैं.
अब तक 17 अवार्ड
गेनाभाई को अब तक कृषि में गुजरात ओर देश के अलग-अलग मिला कर कुल 17 अवार्ड मिल चुके हैं. गेनाभाई के पुरुस्कारों में 4 नेशनल अवार्ड भी हैं. इसके अलावा राजस्थान में भी अनार कि फसल के लिये तत्कालीनी मुख्यमंत्री अशोक गहेलोत की ओर से 1 लाख का इनाम मिल चुका है. ऐसे में गेनाभाई को पद्मश्री से नवाजा जाना उनके लिए एक सपना सच होने जैसा है.