
''गुजरात के कच्छ के खावड़ा इलाके के 15 गांव के लोग आजादी के बाद से आज तक पानी की किल्लत का लगातार सामना कर रहे हैं. भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसा ये सूखा इलाका, सालों से पानी का प्यासा है और यहां बूंद-बूंद के लिए लोग तड़प रहे हैं."
आजतक पर ये खबर चलने के बाद जिला प्रशासन गांव पहुंचा और गांव में पानी की सुविधा मुहैया करवाने की कोशिश शुरू की गई. कच्छ के जिला विकास अधिकारी भव्य वर्मा ने बताया कि सभी गांव में पानी की किल्लत जल्द से जल्द खत्म हो यही हमारी प्राथमिकता है.
अलग-अलग सरकारी योजना के तहत पानी हर गांव में पहुंचे उसी तरह से प्लानिंग की जा रही है. उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है, हम जल्द से जल्द इन गांव की पानी की समस्या दूर करें.
अभी भी स्थानीय लोगों का आरोप है कि भुज विधायक ने आजतक इस इलाके और पानी की समस्या के बारे में कोई प्रयास नहीं किया, अभी भी प्रशासन मदद करने पहुंचा है, लेकिन विधायक ने एक बार भी गांव का दौरा नहीं किया. भुज के विधायक नीमाबेन आचार्य ने आजतक पानी की किल्लत से गांव को राहत मिले ऐसी कोशिश नहीं की.
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लेकिन अब 15 गांव वालों ने आजतक का शुक्रिया अदा किया, आजतक की खबर के बाद जिला प्रशासन के दौरे से गांव वालों में खुशी की लहर है. ग्रामीण बहुत खुश हैं क्योंकि आजतक किसी भी प्रशासन के आला अधिकारी ने गांव की इस समस्या का जायजा भी नहीं लिया.
लेकिन आजतक की खबर के बाद जिस तरह से जिला विकास अधिकारी (डीडीओ) ने गांव में जाकर पानी की समस्या से छुटाकारा दिलाने के लिए तसल्ली दी है उससे गांव वाले बेहद ही खुश हैं और इसका सारा श्रेय आजतक को दे रहे हैं.
दिनारा ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच गनी हाजी जुसब ने बताया कि इतने सालों के बाद गांव की पानी की स्थिति का जायजा किसी अफसर ने लिया है, लेकिन गौरतलब है कि बीते रोज कच्छ के जिला विकास अधिकारी ने गांव का दौरा किया और पानी की समस्या हल करने के लिए प्रयास शुरू किये हैं. हमें उम्मीद है कि जल्द से जल्द पानी की समस्या का हल निकलेगा और हम आजतक न्यूज़ चैनल के सदैव आभारी हैं.
कुछ दिन पहले आजतक ने अपनी ख़बर में दिखाया था कि कैसे खावड़ा इलाके के 15 गांव पीने के पानी को लेकर मुश्किल का सामना कर रहे हैं. जहां पीने के पानी को लेकर हमेशा जद्दोजहद रही हैं. महिलाएं सुबह से दोपहर तक कुएं से पानी निकाल कर लाती हैं. भीषण गर्मी के बीच पानी की ये किल्लत लोगों को पलायन करने पर मजबूर करती हैं. पढ़ने के उम्र में यहां के बच्चों को पानी लाने के लिए गांव से दूर कई किलोमीटर पैदल जाना पड़ता है. लेकिन अब गांववालों में एक उम्मीद जागी है कि जल्द से जल्द पानी समस्या दूर होगी.
(इनपुट- कौशिक कांठेचा)