
कांग्रेस छोड़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने वाले अल्पेश ठाकोर क्या अब अपनी पार्टी से नाराज चल रहे हैं. अगले साल राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अल्पेश ठाकोर एक बार फिर मैदान में ठाकोर सेना और OBC एकता मंच लाने की कवायद में जुट गए हैं. अल्पेश का दावा है कि 2022 के चुनाव में कोई भी राजनीतिक दल हमें नजरअंदाज नहीं कर सकेगा.
आजतक संवादादाता गोपी घांघर ने पूर्व विधायक अल्पेश ठाकोर से विधानसभा चुनाव और भविष्य की रणनीति के बारे में खास बातचीत की है.
अल्पेश ने कहा, 'कोरोना की इस महामारी में लोगों के बीच रहना मेरा स्वभाव है. हम सोशल एक्टिविस्ट हैं और लोगों के साथ जुड़े हुए लोग हैं. इस वक्त उनको हमारी जरूरत है. ओबीसी एकता मंच हो या फिर ठाकोर सेना हो. मैं 94 तहसील में घूमा हूं. मेरा स्वभाव है लोगों के बीच रहना. चाहे वह पॉलिटिकल हो या सोशल हो. अभी सोशल ज्यादा रहने की जरूरत है.'
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में लोगों को हमारी जरूरत है. लोग हमसे मिलना चाहते हैं. लोग हमें देखना चाहते हैं. हमारी बात को सुनना चाहते हैं. जिस तरह से वैक्सीनेशन का काम चल रहा है उसमें जो अफवाहों का दौर चला है उसको सामाजिक तरीके से समझा कर लोगों को जानकारी देते हैं. सतर्क रहने को कहते हैं. इन्हीं सब के लिए मैं लोगों के बीच जाता हूं.
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सवालः आपने हाल ही में कहा था कि बीजेपी हो या कांग्रेस हमारा महत्व समझना होगा?
जवाबः 'मैंने तो सहजभाव से बोला था कि अगर इन लोगों की बात कोई पॉलिटिकल पार्टी नहीं समझेगी या सोशल लोगों को नहीं समझेगी तो वक्त आने पर वह अपना हिसाब कर देंगे. मैंने यह किसी पार्टी के लिए नहीं बोला था. मेरे निवेदन को अगर तोड़ मरोड़ कर जो भी लेना चाहे वह ले सकते हैं. मैं सोशल लीडर हूं. लोगों के बीच जाना और लोगों के बीच रहना मेरा स्वभाव है. आधा गुजरात घूम चुका हूं और अभी तो पूरा गुजरात घूमना है ऐसा करना मुझे अच्छा लगता है.'
सवालः ऐसा क्यों होता है कि आप का कार्यक्रम ठाकोर सेना के बैनर में होता है बीजेपी के नहीं?
जवाबः 'ठाकोर सेना का हमारा संगठन 10,000 से ज्यादा गांव में फैला हुआ है जो लोग मुझे चाहते हैं वह तो आएंगे ही. वो और करीब आएंगे. अगर ठाकोर सेना का नाम लगता है तो मुझे कोई गलत नहीं लगता.'
सवालः 2017 में जब विधानसभा चुनाव हुए तो आप सामाजिक संगठन के जरिए ही आगे आए थे आज जब 2022 में चुनाव होने वाले हैं तब आप पॉलिटिकल संगठन नहीं खुद के सामाजिक संगठन के नाम के जरिए आगे आ रहे हैं?
जवाबः 'मेरे लिए पहले मेरी ठाकोर सेना है. मेरा ओबीसी एससी एसटी एकता मंच. वह पहले है. मैं उनके लिए तो राजनीति में आया हूं. मैं तो सोशल लीडर हूं अगर वह मना कर देते हैं तो हमारी राजनीति खत्म हो जाती है. जिसके लिए आया हूं और उनके लिए कुछ ना कर पाऊं वह मेरा स्वभाव नहीं है. मेरे लिए पहले सोशल लोग हैं बाद में सब कुछ है.'
सवालः अल्पेश ठाकोर क्या ठाकोर सेना के जरिए अपनी राजनीति को चमकाना चाहते हैं?
जवाबः '2017 की सुर्खियों में हम थे. 2022 की सुर्खियों में भी हम रहेंगे और 2022 में कोई हमें नजरअंदाज नहीं कर पाएगा इतना तो पक्का बता सकता हूं.'
सवालः क्या अल्पेश ठाकुर बीजेपी छोड़ेंगे?
जवाबः 'क्यों आप उसको इस तरीके से देखते हैं. हम बीजेपी में भी तामझाम से रहेंगे. 2022 में हमें कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता, उन लोगों के अधिकार के लिए एक ऐसी सरकार बनाने के लिए हम आगे आएंगे जो बहुत अच्छा काम करेंगे.'