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ऐप पर दिखाया फर्जी मुनाफा, ठगों ने बुना इन्वेस्टमेंट का मायाजाल, मामा-भांजे को लगा दिया 1.43 करोड़ का चूना

जब मुकेशभाई ने अपने भांजे से बात की, तो पता चला कि उसने भी इन दोनों के पास 56.65 लाख रुपए निवेश किए थे और अब आरोपी उनके फोन भी नहीं उठा रहे. ठगी का अहसास होने के बाद उन्होंने सूरत क्राइम ब्रांच से संपर्क कर शिकायत दर्ज करवाई.

ठगों ने मामा-भांजे को लगा दिया 1.43 करोड़ का चूना ठगों ने मामा-भांजे को लगा दिया 1.43 करोड़ का चूना
ब्रिजेश दोशी
  • गांधीनगर,
  • 23 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 2:44 PM IST

सूरत से क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है, जहां मामा-भांजे को अलग-अलग समय पर निवेश करवाकर 1.43 करोड़ रुपए ठग लिए गए. इसके बाद आरोपी अपना ऑफिस बंद कर फरार हो गए. ठगी का अहसास होने पर मामा-भांजे ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.

सूरत में एंब्रॉयडरी का जॉबवर्क कारखाना चलाने वाले मुकेशभाई सवाणी की मुलाकात अक्टूबर 2022 में ऑनलाइन और क्रिप्टोकरेंसी का काम करने वाले हीरेन कुंभाणी और विरम गोयाणी से हुई थी. उनके पहचान वाले मेहुल गलाणी ही उन्हें वहां लेकर गए थे. उस वक्त विरम और हीरेन ने खुद को USDT इन्वेस्टर बताया और दावा किया कि वे सिंगापुर की ब्लॉकी नेटवर्क कंपनी में निवेश का काम संभालते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि निवेश पर 15 से 30 प्रतिशत गारंटीड रिटर्न मिलेगा.

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500 डॉलर के निवेश से शुरू हुई कहानी

इससे प्रभावित होकर मुकेशभाई ने पहले 500 डॉलर का निवेश किया, जिसके बदले उन्हें अच्छा रिटर्न मिला. इसके बाद उन्हें दुबई में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के लिए समझाया गया और बताया कि BKX कॉइन लॉन्च होने वाला है. इसी आधार पर मुकेशभाई से 4 लाख रुपए का निवेश करवाया गया. फिर उनके फोन में कंपनी का एक एप्लिकेशन इंस्टॉल करवाकर फर्जी मुनाफा दिखाया गया.

भांजे ने भी किया 56 लाख का निवेश

इसके बाद ज्यादा रिटर्न के लालच में उनसे अलग-अलग महीनों में कुल 86.60 लाख रुपए का निवेश करवाया गया. जब निवेश के रिटर्न का समय आया, तो हीरेन और विरम ने बहाने बनाना शुरू कर दिया और फिर अपना ऑफिस बंद कर फरार हो गए. बाद में, जब मुकेशभाई ने अपने भांजे से बात की, तो पता चला कि उसने भी इन दोनों के पास 56.65 लाख रुपए निवेश किए थे और अब आरोपी उनके फोन भी नहीं उठा रहे.

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ठगी का अहसास होने के बाद उन्होंने सूरत क्राइम ब्रांच से संपर्क कर शिकायत दर्ज करवाई. पुलिस ने आईपीसी की धारा 420, 120बी और 34 के तहत मामला दर्ज कर जांच को आर्थिक शाखा को सौंप दिया है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं यह कोई बड़ा रैकेट तो नहीं है.

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