
कृषि कानून के खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे हैं. दिल्ली की सीमा पर धरना दे रहे किसानों के धरना स्थल पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी. गाजीपुर बॉर्डर पर धरने के दौरान गुरुवार को किसान नेता राकेश टिकैत रो पड़े थे. राकेश टिकैत के आंसुओं से खत्म होता नजर आया किसान आंदोलन फिर संभल गया, वहीं टिकैत को लेकर सहानुभूति भी पैदा हो गई है. शुक्रवार को जहां उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में स्थित टिकैत के गांव में महापंचायत हो रही थी, वहीं गुजरात में भी आंदोलन को एक राजनीतिक दल का समर्थन मिल गया.
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भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने किसान नेता राकेश टिकैत के समर्थन का ऐलान किया है. गुजरात की झागड़िया विधानसभा सीट से बीटीपी के विधायक और आदिवासी नेता छोटू वसावा ने ट्वीट कर टिकैत के समर्थन का ऐलान किया. वसाावा ने ट्वीट कर कहा कि किसानों के मसीहा महेंद्र सिंह के बेटे राकेश टिकैत को खरोंच भी आई तो पूरा आदिवासी समुदाय सड़कों पर विरोध करेगा.
आदिवासी नेता वसावा ने साथ ही कांग्रेस नेताओं को भी ट्विटर पर ट्रेंड कराने की बजाय धरना स्थल पर पहुंचकर किसानों के समर्थन में उनके साथ बैठने की सलाह दी है.
कोंग्रेस ITसेल #मोदी_कायर_है ट्रेंड करवाने में लगी है बजाए
दिल्ली में बेठे सभी नेताओ से कहना चाहिए कि
आज रात किसानों के साथ खड़े रहो अगर सच मे किसानों की परवाह है तो#FarmersStandingFirm #FarmerProtest #Farmer
आदिवासी नेता वसावा का ट्वीट ऐसे समय में आया है, जब दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली में उपद्रव के बाद किसान आंदोलन कमजोर पड़ता नजर आया. दिल्ली पुलिस ने एक दिन पहले ही राकेश टिकैत के खिलाफ उपद्रव के मामले में नोटिस थमाकर उनपर कानूनी शिकंजा कसना शुरू कर दिया था. वहीं, दूसरी तरफ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी किसान आंदोलन खत्म कराने का आदेश दे दिया था.
गौरतलब है कि कई संगठनों ने किसान आंदोलन से अपने को अलग कर लिया था. पुलिस ने किसानों से गाजीपुर बॉर्डर खाली करने को कह दिया था, जिसके बाद आंदोलन में शामिल किसान जाने भी लगे थे. बिजली-पानी-शौचालय समेत सभी सुविधाएं हटा ली गई थीं. एक तरफ दिल्ली पुलिस ने सुरक्षाकर्मियों का जमावड़ा बढ़ा दिया था, वहीं यूपी पुलिस ने भी वज्र वाहन और बसें लगा दी थीं. इसी दौरान किसान नेता टिकैत रो पड़े थे. वसावा ने टिकैत के आंसू देख उनके समर्थन का ऐलान किया है.