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नकली नोटों के बाद अब छापने लगे डॉलर... गुजरात में चल रही थी फैक्ट्री, ऑस्ट्रेलिया रिटर्न मास्टरमाइंड की पूरी कहानी

गुजरात में अब नकली ऑस्ट्रेलियाई डॉलर छापने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. अहमदाबाद में चल रही फैक्ट्री का मास्टरमाइंड 20 साल ऑस्ट्रेलिया में रहने के बाद भारत लौटा था. उसने अपने साथियों के साथ मिलकर विदेशी करेंसी की इस अवैध छपाई का जाल फैलाया और विदेश जाने वाले लोगों को सस्ते दाम पर बेचने लगा. क्या है इस हाई प्रोफाइल गोरखधंधे की पूरी कहानी...?

गुजरात में चल रही थी नकली डॉलर छापने की फैक्ट्री. गुजरात में चल रही थी नकली डॉलर छापने की फैक्ट्री.
ब्रिजेश दोशी
  • अहमदाबाद,
  • 29 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:10 AM IST

अहमदाबाद पुलिस ने नकली डॉलर छापने वाले जिस गिरोह को पकड़ा है, उसको लेकर कई बातें सामने आई हैं. पुलिस का कहना है कि गिरोह ने बाकायदा अहमदाबाद के वटवा इलाके में नकली डॉलर छापने की फैक्ट्री लगा रखी थी. यहां ये लोग नकली डॉलर छापते थे और इसे उन लोगों को बेचते थे, जो विदेश जाते थे और करेंसी एक्सचेंज कराते थे. पुलिस ने प्रिंटर के साथ 131 नकली डॉलर जब्त किए हैं. इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.

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पुलिस के अनुसार, नकली डॉलर छापने वाले इस गिरोह का मास्टरमाइंड मौलिन पटेल है, जो 20 साल तक ऑस्ट्रेलिया में रहा था. वह वहां की करेंसी के बारे में अच्छी जानकारी रखता था. मौलिन करीब दो साल पहले ही अहमदाबाद लौटा था. यहां लौटने के बाद उसने अपने परिचित ध्रुव देसाई के साथ मिलकर नकली डॉलर छापने का षड्यंत्र रचा. दोनों ने एक स्थान पर प्रिंटर लगाया और अन्य उपकरणों की मदद से नकली डॉलर छापने का काम शुरू कर दिया.

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कैसे हुआ इस पूरे मामले का खुलासा?

दरअसल, पुलिस को जानकारी मिली थी कि वटवा इलाके में एक व्यक्ति 40 रुपये में एक नकली ऑस्ट्रेलियाई डॉलर बेच रहा है. यह सूचना मिलने के बाद पुलिस ने जांच-पड़ताल की तो बात सही निकली. इसके बाद अहमदाबाद एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) ने कार्रवाई को अंजाम दिया और छापेमारी कर मौके से आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. इस दौरान पुलिस को पता चला कि यह काम बाकायदा प्रिंटर व अन्य उपकरणों के जरिए फैक्ट्री शुरू कर किया जा रहा है.

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गिरोह के अन्य सदस्यों सौंप रखी थी ये जिम्मेदारी

गिरफ्तार किए गए आरोपियों में खुश पटेल और रौनक राठौड़ भी शामिल हैं. खुश पटेल ने नकली डॉलर बेचने की जिम्मेदारी संभाल रखी थी. उसने अपने करीबी रौनक राठौड़ को भी इस काम में शामिल कर लिया था. दोनों मिलकर विदेश यात्रा करने वाले लोगों को 40 रुपये में एक नकली डॉलर बेचते थे.

यह भी पढ़ें: UP: 500 और 100 रुपये के नकली नोटों के साथ दो गिरफ्तार, 25 हजार में 1 लाख नकली नोट बेचते थे आरोपी

पुलिस ने फैक्ट्री से नकली नोट छापने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला प्रिंटर और 50 नकली ऑस्ट्रेलियाई डॉलर बरामद किए हैं. गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के दौरान यह भी पता चला कि वे अब तक कई लोगों को नकली नोट बेच चुके हैं.

यह गिरोह मुख्य रूप से उन लोगों को निशाना बनाता था, जो विदेश यात्रा करने की योजना बनाते थे. नकली डॉलर को सस्ते दामों में बेचने की बात कहकर वे लोगों को जाल में फंसा लेते थे. पुलिस को संदेह है कि यह गिरोह पहले भी कई बार इसी तरह लोगों के साथ धोखाधड़ी को अंजाम दे चुका है.

पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच

एसओजी के डीसीपी जयराजसिंह वाला ने बताया कि गिरोह के मास्टरमाइंड मौलिन पटेल ने पूरी योजना तैयार की थी. मौलिन सहित चार आरोपियों को पकड़ा गया है.

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मौलिन ने ऑस्ट्रेलिया में 20 साल बिताए थे. वह वहां के बारे में अच्छी तरह से परिचित था. दो साल पहले भारत लौटने के बाद उसने यह पूरी योजना तैयार की थी. पुलिस अब यह जांच कर रही है कि नकली डॉलर को कहां-कहां और किस-किस को बेचा गया. गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जा रही है. पुलिस अब इस बात की पड़ताल कर रही है कि इस पूरे नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल है.

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