
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीआईपी कल्चर खत्म करने कि बात कर रहे हैं, लेकिन गुजरात में विधानसभा के स्पीकर पर वीआईपी कल्चर के क्रूर प्रदर्शन का आरोप लगा है. अस्पताल में अपनी आंखें दिखाने गये विधानसभा के स्पीकर को सिक्योरिटी गॉर्ड ने 'काका' क्या कह दिया, उसकी नौकरी ही चली गई. आरोप है कि काका यानी चाचा कहने पर स्पीकर इतने नाराज हुए कि उन्होंने अस्पताल से उसके कॉन्ट्रैक्ट को ही खत्म करा दिया.
गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष रमऩलाल वोरा इन दिनों अपने वीआईपी कल्चर को लेकर चर्चा में बने हुए हैं, दरअसल रमनलाला वोरा मंगलवार की शाम गांधी नगर सिविल अस्पताल में अपनी आंख के इलाज के सिलसिले में अस्पताल गए थे. वह निजी कार से बेटे के साथ यहा पहुंचे थे. कार ट्रॉमा सेंटर के सामने खड़ी की गई, तो एक सुरक्षा गॉर्ड ने उन्हें काका कहते हुए उनसे गाड़ी हटाने के लिये कहा. इसके दूसरे ही दिन इस सुरक्षा गॉर्ड की नौकरी ही चली गई.
सिविल अस्पताल गांधीनगर के सुपरिन्टेंडेंट विपिन नायक इसको उचित ठहराते हुए कहा, 'रमनलाला वोरा एक वरिष्ठ नागरिक हैं, इसलिए गॉर्ड्स को उनसे अच्छी तरह से बात करनी चाहिये थी. गॉर्ड ने उन्हें काका कह कर बुलाया ये स्वीकारने लायक नही है. इसलिए हमने उनसे लिखित में भी माफी मांगवायी है.'
वहीं रमनलाला वोरा द्वारा सिविल अस्पताल में की गई शिकायत के बाद सिविल अस्पताल ने सिक्योरिटी गॉर्ड का कॉन्ट्रैक्ट भी बदल दिया. हालांकि इसके साथ ही अस्पताल प्रशासन का यह भी दावा है कि गॉर्ड की सेवा के बारे में शिकायत पहले भी मिलती रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां वीआईपी कल्चर को खत्म करने कि बात कर रहे हैं, वहीं उनके ही गृह राज्य में सिर्फ काका कहते हुए गाड़ी हटाने के लिए कहने पर एक सिक्योरिटी गॉर्ड की नौकरी चली गई. ऐसे में लालबत्ती कल्चर खत्म करने पर बड़ा सवाल खड़ा होता है.